आजकल युवाओं में महंगी बाइक्स का क्रेज बढ़ रहा है, और इसे पूरा करने के लिए वो लोन का सहारा ले रहे हैं। बैंक भी आसानी से लोन दे रहे हैं, क्योंकि ज़्यादातर लोन लेने वाले नौकरीपेशा हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि बाइक खरीदने के लिए पर्सनल लोन लेना ज़्यादा फायदेमंद है या टू-व्हीलर लोन? आइए, इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करते हैं।
पर्सनल लोन: फायदे और नुकसान
पर्सनल लोन किसी भी काम के लिए लिया जा सकता है। बैंक इसे आसानी से दे भी देते हैं, लेकिन इसकी ब्याज दरें दूसरे लोन्स के मुकाबले थोड़ी ज़्यादा होती हैं।
फायदे
फ्लेक्सिबिलिटी: आप इस पैसे को कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
कोई गारंटी नहीं: पर्सनल लोन के लिए किसी गारंटी की ज़रूरत नहीं होती।
नुकसान
ब्याज दरें: ब्याज दरें 10.50% से 24% तक हो सकती हैं।
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टू-व्हीलर लोन क्या हैं फायदे?
ये लोन खासतौर पर दोपहिया वाहन खरीदने के लिए दिया जाता है। इसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन से कम होती हैं, क्योंकि ये एक सुरक्षित लोन होता है।
फायदे
कम ब्याज दरें: पर्सनल लोन से कम ब्याज दरें।
नुकसान
कम लोन अमाउंट: बाइक की कीमत का 80% से 90% तक ही लोन मिलता है।
जल्दी चुकाना होता है: टू-व्हीलर लोन आमतौर पर कम समय के लिए होता है।
कौन सा लोन है बेहतर?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जो लोग कम ब्याज दर और सुरक्षित लोन चाहते हैं, उनके लिए टू-व्हीलर लोन बेहतर है। वहीं, पर्सनल लोन की फ्लेक्सिबिलिटी का फायदा ये है कि आप बाइक के अलावा इंश्योरेंस या दूसरे खर्चों के लिए भी पैसे ले सकते हैं।
लेकिन, पर्सनल लोन की ब्याज दरें ज़्यादा होती हैं और टू-व्हीलर लोन जल्दी चुकाना होता है। इसलिए, कौन सा लोन लेना है, ये आपकी ज़रूरतों और आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। लोन लेने से पहले, दोनों की ब्याज दरों, शर्तों और फीस की तुलना ज़रूर कर लें।