लोकेश वर्मा, मलकापुर (बैतूल) (Patanjali juice plant)। पड़ोसी प्रांत महाराष्ट्र में नागपुर के मिहान में पतंजलि के एशिया के सबसे बड़े फूड और हर्बल पार्क में ‘जूस यूनिट’ का उद्घाटन 9 मार्च को सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस करेंगे। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पतंजलि के प्रमुख स्वामी रामदेव जी महाराज और आचार्य बालकृष्ण जी की मौजूदगी रहेगी। उल्लेखनीय है कि इस परियोजना का शिलान्यास समारोह 2016 में आयोजित किया गया था।
परियोजना के लिए आवश्यक अधिकांश कच्चा माल विदर्भ के किसानों से खरीदा जाएगा। इस परियोजना के बारे में जानकारी देने वाला एक वीडियो स्वयं बाबा रामदेव ने जारी किया है। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सभी को आमंत्रित किया गया है। शुभारंभ के पूर्व प्रात 5 बजे से विशाल योग शिविर का भी आयोजन होगा।
साठ हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
महाराष्ट्र प्रांत में बूटीबोरी के मिहान क्षेत्र में लगभग 230 एकड़ एवं बाहर के कुल मिलाकर 418 एकड़ क्षेत्र में फैले विश्व स्तरीय हर्बल फूड पार्क, पतंजलि फूड प्रोसेसिंग पार्क हरिद्वार से चार गुना बड़ा होगा। इस प्रोजेक्ट से महाराष्ट्र ही नहीं मध्यप्रदेश के किसान भी समृद्धशाली होंगे और युवाओं को काम मिलेगा।
प्रत्यक्ष रूप से 10 हजार बेरोजगारों को इस पतंजलि हर्बल जूस पार्क में रोजगार मिलेगा। इसके अलावा अप्रत्यक्ष रूप से 50 हजार लोग रोजगार पाएंगे। इस पार्क के बनने से इस क्षेत्र के किसानों में समृद्धि आएगी, जो क्षेत्र इस समय किसानों की आत्महत्या को लेकर चर्चा में है। पतंजलि फूड पार्क को यहां स्थापित करने में आचार्य बालकृष्ण जी की अहम भूमिका है। आचार्य जी इस प्रोजेक्ट के सृष्टा हैं।
एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश
पतंजलि समूह ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) और मिहान में 230 एकड़ से अधिक जमीन खरीदी है। समूह के पास आसपास कुल मिलाकर 418 एकड़ जमीन है। कंपनी ने इस परियोजना पर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
विदर्भ में किसानों से कच्चे माल की खरीद
इस परियोजना के लिए आवश्यक कच्चा माल सबसे महत्वपूर्ण है। अधिकांश सामान विदर्भ और आस-पास के क्षेत्रों के किसानों से खरीदा जाएगा। इस परियोजना में जूस के साथ-साथ अन्य खाद्य पदार्थ भी तैयार किए जाएंगे। संतरे का जूस बनाने के लिए प्रतिदिन 800 से 900 टन संतरे की आवश्यकता होगी। यह परियोजना विदर्भ के किसानों के लिए आर्थिक समृद्धि लाएगी और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करेगी।
बीच में नहीं होंगे बिचौलिए
महाराष्ट्र कृषि उन्नति के क्षेत्र में अब एक मिसाल बनेगा। मिहान के प्रोसेसिंग यूनिट में पांच हजार टन माल की प्रतिदिन प्रोसेसिंग होगी। किसान अपने उत्पाद आंवला, एलोवेरा, संतरा आदि सीधे यहां बेच पाएंगे। बिचौलियों की कोई जगह नहीं होगी। किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी तथा नागपुर सहित विदर्भ के कुछ अन्य क्षेत्रों में भी प्रायमरी प्रोसेसिंग सेंटर खोले जाएंगे।