चेहरे पर सफेद दागों से परेशान हैं? अब डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। खेतों में खरपतवार के रूप में उगने वाला मकोय इन दागों से छुटकारा दिलाने में बेहद प्रभावी माना जाता है। यही नहीं, मकोय के सेवन से मधुमेह और खराब कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित होते हैं। बवासीर जैसी गंभीर बीमारियों में भी मकोय रामबाण की तरह काम करता है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, मकोय में विटामिन C, एसिड, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, विटामिन A सहित कई पोषक तत्व होते हैं। इसमें पाया जाने वाला कैरोटीन एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। मकोय उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों के लिए एक प्रभावी दवा है। साथ ही, इसमें मौजूद फाइबर पेट के लिए बेहद लाभकारी है।
सफेद दागों में राहत
मकोय की पत्तियों का पेस्ट बनाकर सफेद दागों पर लगाने से राहत मिलती है। इसके फलों का पाउडर बनाकर सेवन करने से खांसी, हिचकी और श्वसन संबंधी बीमारियों में लाभ होता है।
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मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण
मकोय की पत्तियों का काढ़ा पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और भूख भी बढ़ती है। यह बवासीर जैसी गंभीर बीमारियों में भी लाभकारी है। इसके अलावा, इसकी पत्तियों का काढ़ा शरीर की आंतरिक सूजन को दूर करता है, लीवर की सूजन और मधुमेह को नियंत्रित करता है। साथ ही, यह बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है।
मकोय की पहचान
जंगली फल मकोय को रसभरी के नाम से जाना जाता है। यह सड़क किनारे और खेतों में खरपतवार के रूप में उगता है। हालांकि मकोय को खरपतवार के रूप में पहचाना जाता है, लेकिन किसान इसकी खेती भी करते हैं। मकोय का फल आंवले की तरह खट्टा-मीठा होता है, और इसके अंदर टमाटर के बीज जैसे बीज होते हैं।