प्रवीण अग्रवाल, घोड़ाडोंगरी (Chhota Mahadev Bhopali)। छोटा महादेव भोपाली इन दिनों पहाड़ी पर आई दरारों को लेकर चर्चा में छाया हुआ है। प्रशासन ने लोगों को कोई भी अनहोनी से बचाने के लिए अब अंबा माई पर ही एलईडी से दर्शन करने की व्यवस्था की है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब छोटा महादेव भोपाली की पुरानी कुछ घटनाओं को लेकर भी चर्चा हो रही है।
जानकार बताते हैं कि सन 1995 में हुई भारी बारिश के कारण गुफा में स्थापित शिवलिंग पानी के बहाव से बहकर नीचे आ गया था। गुफा से शिवलिंग बहकर आने के बाद आसपास के ग्रामीण अंचलों के ग्रामीणों द्वारा विधि विधान से पहाड़ी पर शिव गुफा में वापस शिवलिंग स्थापना का आयोजन किया गया। जिसके लिए नए बुलाए गए शिवलिंग की बाकायदा सलैया, घोड़ाडोंगरी, भयावाड़ी, छुरी, सीताकामथ, जांगड़ा सहित अन्य गांवों से शेभायात्रा निकाली गई थी।
तत्कालीन विधायक ने दिया था यह सुझाव
शिवलिंग स्थापना कार्यक्रम में उपस्थित उस समय के विधायक प्रताप सिंह उइके ने ग्रामीणों को सुझाव दिया था कि पहाड़ी पर दरारें आ रही है। इसलिए भोलेनाथ की भी इच्छा है कि अब नीचे ही विराजमान हो जाएं। इसलिए पानी के बहाव से खुद ही नीचे आ गए हैं। अब नीचे ही मंदिर बनवाकर यहीं पर शिवलिंग स्थापित कर दो। हालांकि उनके सुझाव को शिवलिंग स्थापना समिति के सदस्यों और ग्रामीणों द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया और वापस गुफा में विधि विधान से शिवलिंग की स्थापना कर दी गई ।
दरार के कारण अब बन गई यह स्थिति
उस समय के विधायक प्रतिनिधि अनंत कुमार महतो भी इस स्थापना दिवस कार्यक्रम में मौजूद थे। मैं (प्रवीण अग्रवाल) भी इस आयोजन का कवरेज करने के लिए वहां पर मौजूद था। इन दिनों पहाड़ी पर दरारें बढ़ती जा रही हैं। स्थिति यह हो गई है कि इस वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर छोटे महादेव भोपाली की पहाड़ी पर विराजमान भोलेनाथ के दर्शन और पूजन श्रद्धालुओं को टीवी के माध्यम से करने पड़ेंगे। प्रशासन भी किसी भी अनहोनी की आशंका से बचने के लिए, श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पहाड़ी पर जाने से रोक रहा है।
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अब सभी को याद आ रहा है वह सुझाव
ऐसी स्थिति में पूर्व विधायक प्रताप सिंह का दिया सुझाव उस समय वहां मौजूद हर व्यक्ति को याद आ रहा है। अगर उस समय उनका कहना मानकर नीचे ही भोलेनाथ का मंदिर बना लेते तो आज इन परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता। उस समय श्री उइके ने सुझाव के साथ-साथ यह प्रस्ताव भी दिया था कि मंदिर बनाने में वे विधायक निधि से भी सहयोग करेंगे। लेकिन, वह सुझाव नहीं माना गया।
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सीढ़ी निर्माण के लिए भी दी थी सहायता
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र महतो ने बताया कि वर्ष 1995 में शिवलिंग स्थापना में सिलपटी के ठेकेदार चंद्रभान की भी प्रमुख भूमिका रही। उस समय विधायक प्रताप सिंह उइके ने नीचे ही शिवलिंग स्थापना का सुझाव दिया था और सीढी निर्माण के लिए भी विधायक निधि से सहायता राशि दी थी।