Secondary Infertility: एक बार माँ बनने के बाद भी हो सकती है दूसरी बार में समस्या, इन कारणों से होती है सेकेंडरी इनफर्टिलिटी की समस्या

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Secondary Infertility: प्रायः लोग ऐसा मानते हैं कि जिनको एक बार मातृत्व सुख मिल चुका है, उन्हें दोबारा भी बहुत ही आसानी से बच्चे हो सकते हैं। मगर यह बात पूर्णतः सच नहीं है। कई बार पहला बच्चा होने के बाद भी लोगों को दूसरे बच्चे को जन्म देने में दिक्कत हो जाती है, जिसे मेडिकल भाषा में सेकेंडरी इनफर्टिलिटी कहते हैं।

आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा ने बताया कि उनके पास कई ऐसे कपल्स भी आते हैं जिनको पहला बच्चा तो शादी के 2 साल बाद ही हो गया था, लेकिन दूसरे बच्चे के लिए 7 साल से प्रयास कर रहे हैं और कोई सफलता नहीं मिल रही है। ऐसे में कपल्स बहुत परेशान हो जाते हैं और डॉक्टर्स के चक्कर लगाते रहते हैं। इसलिए आज उन कारणों के बारे में जानेंगे जिसकी वजह से सेकेंडरी इनफर्टिलिटी हो सकती है।

सेकेंडरी इनफर्टिलिटी के यह हैं प्रमुख कारण

एक शोध के अनुसार अगर कोई कपल पहले और दूसरे बच्चे के बीच में 5 साल से लम्बा समयांतराल रखता है तो महिला के एग की क्वालिटी घट जाती है और गर्भधारण में रूकावट होने लगती है। इसके अलावा और भी कई कारण हैं जो जो सेकेंडरी इनफर्टिलिटी को बढ़ावा देते हैं। जैसे एंडोमेट्रिओसिस, यह महिलाओं में होने वाला एक ऐसा रोग है, जिसमे गर्भाशय के अंदर बनने वाली परत गर्भाशय के बाहर अन्य प्रजनन अंगों में विकसित होने लगती हैं। जिससे ट्यूबल ब्लॉकेज या ओवरियन सिस्ट की समस्या उत्पन्न होती है और महिलाओं को माँ बनने में परेशानी होती है। इतना ही नहीं अगर किसी महिला को हार्मोनल असंतुलन की समस्या है या पहले मिसकैरेज हो चुका है तब भी सेकेंडरी इनफर्टिलिटी हो सकती है।

कितने प्रतिशत लोग सेकेंडरी इनफर्टिलिटी के शिकार

एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में करीब 20 प्रतिशत कपल ऐसे हैं जो दूसरे बच्चे के लिए प्रयास करते हैं लेकिन कन्सीव नहीं कर पाते हैं और इसे ही सेकेंडरी इनफर्टिलिटी कहते हैं। लेकिन आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है क्योंकि अगर आप किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करते हैं तो वह मूलभूत कारण की पड़ताल करके फिर आपको उचित उपचार कराने की सलाह देंगे। जिसकी मदद से आप दोबारा माँ बन सकती हैं।

सेकेंडरी इनफर्टिलिटी के लिए आयुर्वेदिक उपचार

डॉ. चंचल शर्मा बताती हैं कि आयुर्वेदा में सेकेंडरी इनफर्टिलिटी का पूर्णतः प्राकृतिक इलाज संभव है। इसमें किसी प्रकार की सर्जरी नहीं होती है बल्कि केवल पंचकर्म थेरेपी, आयुर्वेदिक दवाओं, डाइट और एक्सरसाइज द्वारा समस्या की जड़ में जाकर इसका उचित इलाज किया जाता है। इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है। आशा आयुर्वेदा के फर्टिलिटी एक्सपर्ट ने अपने पास आने वाले 90 प्रतिशत कपल के पेरेंटहुड की जर्नी को आसान बनाया है।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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