सहजन, जिसे मोरिंगा भी कहा जाता है, एक अद्भुत औषधीय पौधा है। इसके फूल, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं। आयुर्वेद में सहजन के फूलों के उपयोग का विस्तृत वर्णन मिलता है। ये फूल शरीर को ऊर्जा और ताजगी प्रदान करते हैं।
रोगों से मुक्ति का मार्ग
सहजन के फूलों का सेवन कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से निजात दिलाने में मददगार होता है। ये शरीर की सूजन को कम करने, पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में प्रभावी हैं। आयुर्वेद, सुश्रुत संहिता और अग्नि पुराण में सहजन के हर भाग के उपयोग के बारे में बताया गया है। इसके फूल, पत्तियां और बीज, दोनों ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
बहुगुणी लाभ
सहजन के फूल सूजन को कम करते हैं, हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं। इनका नियमित सेवन करने से कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। कहा जा सकता है कि सहजन के फूल कलयुग में स्वास्थ्य के लिए एक वरदान हैं।
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आयुर्वेदिक महत्व
महान आयुर्वेदिक आचार्य सुश्रुत ने ‘सुश्रुत संहिता’ में सहजन के फूलों के महत्व पर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने इसके फूलों को शिशुओं के रोगों के उपचार में लाभकारी बताया है। सहजन के फूल रक्त को शुद्ध करने का भी काम करते हैं, जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थ निकलते हैं और त्वचा में चमक आती है। यही कारण है कि इसके फूलों का सेवन मुंहासे और फुंसी जैसी समस्याओं के उपचार में भी फायदेमंद है।
उपयोग के तरीके
सहजन के फूलों का कई तरह से उपयोग किया जा सकता है। इन्हें सूप, सब्जी और चाय में डालकर खाया जा सकता है। इन फूलों का रस भी बहुत फायदेमंद होता है। ‘सुश्रुत संहिता’ के अनुसार, सहजन का सेवन पीलिया जैसे गंभीर रोगों के उपचार में भी सहायक है। सहजन की ताजी पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं।
इसमें प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं। हालांकि, सहजन की प्रकृति गर्म होती है। इसलिए, एसिडिटी, बवासीर या रक्तस्राव जैसी समस्याओं से पीड़ित लोगों को गर्मियों में इसका सेवन करने से बचना चाहिए। यदि कोई सहजन के फूलों का सेवन करना चाहता है, तो एक बार आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।