Hill Station Pachmarhi: मध्यप्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। यह प्रदेश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी मशहूर है। यहां वैसे तो कई प्राकृतिक पर्यटन स्थल हैं, लेकिन इन सभी में पचमढ़ी सबसे ज्यादा मशहूर और आकर्षक है। इसे सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। यह मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम (पहले होशंगाबाद) जिले में स्थित है। यह सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच बसा एक हरा-भरा और खूबसूरत हिल स्टेशन है। समुद्र तल से करीब 1067 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पचमढ़ी अपनी ठंडी व शुद्ध जलवायु, घने जंगल, झरनों और गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है।
पचमढ़ी का यह है इतिहास
पचमढ़ी का नाम संस्कृत के दो शब्दों पंच (पांच) और मढ़ी (गुफा) से लिया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह स्थान पांडवों से जुड़ा है। माना जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां पांच गुफाओं में निवास किया था। अंग्रेजी शासन में 1857 में कैप्टन जेम्स फोर्सिथ ने पचमढ़ी की प्राकृतिक सुंदरता की खोज की और इसे एक छावनी क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया।
पचमढ़ी में यह हैं आकर्षण के केंद्र
- बी फॉल्स या बी झरना: यह पचमढ़ी का सबसे प्रसिद्ध झरना है। यह सतपुड़ा के घने जंगलों के बीच स्थित है। यह एक सुंदर पिकनिक स्थल है। यहां 35 मीटर की ऊंचाई गिरता पानी झरने के नीचे एक पूल बनाता है, जहां सैलानी तैराकी का आनंद लेते हैं।
- पांडव गुफाएं: यहां पांच प्राचीन गुफाएं हैं। इन्हीं से पचमढ़ी का नाम जुड़ा है। यह गुफाएं इतिहास और वास्तुकला की अद्भुत उदाहरण है। कहा जाता है कि इन गुफाओं को बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने भी उपयोग में लिया था।
- धूपगढ़: यह पचमढ़ी का सबसे ऊंचा स्थान है। यहां से सूर्यास्त और सूर्योदय के दृश्य बड़े मनोरम लगते हैं। यही कारण है कि यहां सुबह-शाम बड़ी तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं। यह प्वाइंट फोटोग्राफी के लिए स्वर्ग के समान है। आसपास की घाटियों और पहाड़ियों का मनोरम दृश्य यहां से देखा जा सकता है।
- जटाशंकर गुफा: यह एक धार्मिक स्थल है। यहां पर भगवान शिव का प्राकृतिक शिवलिंग स्थित है। गुफा के आकार और इसके भीतर बहने वाली छोटी जलधारा का धार्मिक और प्राकृतिक महत्व है।
- सतपुड़ा नेशनल पार्क: यह पार्क वन्यजीव और प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस क्षेत्र में टाइगर, तेंदुआ, भालू, चीतल और कई पक्षियों की प्रजातियों का दीदार किया जा सकता है। यहां की जंगल सफारी का अनुभव अपने आप में अनूठा है।
- अप्सरा विहार: यह एक छोटा सा प्राकृतिक पूल है, जहां झरने का पानी गिरता है। यहां का शांत वातावरण और ठंडा पानी पर्यटकों को ताजगी का एहसास कराता है।
- चौरागढ़ मंदिर: भगवान शिव का यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए 1300 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। यहां बड़ी संख्या में भक्त त्रिशूल चढ़ाने के लिए आते हैं।
पचमढ़ी की सैर कब करना बेहतर
पचमढ़ी का मौसम साल भर ठीक ही रहता है। गर्मियों में मार्च से जून तक यहां का तापमान 22 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। इस दौरान ठंडी हवाएं भी चलती है। मानसून में जुलाई से सितंबर तक यहां हरियाली चरम पर होती है और झरने तथा जंगल बड़े मनमोहक लगते हैं। सर्दियों में अक्टूबर से फरवरी तक तापमान सामान्यत: 4 से 15 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। हालांकि कभी-कभी तापमान एक डिग्री सेल्सियस तक भी आ जाता है। यह मौसम ट्रैकिंग और रोमांटिक ट्रिप के लिए सबसे उपयुक्त है।
कैसे पहुंच सकते हैं पचमढ़ी
पचमढ़ी जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा भोपाल है जो कि पचमढ़ी से 195 किलोमीटर दूर है। सबसे करीब रेलवे स्टेशन पिपरिया है जो कि वहां से 47 किलोमीटर दूर है। पिपरिया से टैक्सी या बस से पचमढ़ी पहुंच सकते हैं। पचमढ़ी प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह कनेक्ट है। यहां के लिए भोपाल, इंदौर, जबलपुर आदि शहरों से नियमित बस सेवाएं भी उपलब्ध है।