Gehun Kharidi MP 2025: मध्यप्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने निर्देश दिये हैं कि रबी विपणन वर्ष 2025-26 के गेहूँ उपार्जन की अवधि के दौरान उपार्जन केन्द्रों पर आने वाले किसानों के लिए सभी पर्याप्त सुविधाएं होनी चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर उपार्जन कार्य से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने यह निर्देश मंत्रालय में रबी उपार्जन नीति की समीक्षा के दौरान दिये।
श्री राजपूत ने कहा कि उपार्जन केन्द्रों पर आने वाले किसानों के लिए छाया की सुविधा के लिए शेड लगवाएं जाएं तथा पीने के पानी, प्रतीक्षा कक्ष, दरियां, टेबल, कुर्सी तथा शौचालय आदि का पर्याप्त प्रबंध करें। उन्होंने निर्देश दिये कि समिति स्तर पर पर्याप्त बिजली की सुविधा, हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन, इलेक्ट्रॉनिक उपार्जन उपकरण तथा किसानों की जानकारी के लिए सूचना पटल पर उपार्जन संबंधी जानकारी प्रदर्शित करें।
समर्थन मूल्य के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता लाएं
श्री राजपूत ने निर्देश दिये कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता लाएं ताकि गेहूँ खरीदी केन्द्रों तक अधिकतम पंजीकृत किसान अपनी फसल लेकर पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को गेहूं उपार्जन के बाद जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित करें।
इन संभागों में एक मार्च से शुरू होगी खरीदी
खाद्य मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में गेहूँ खरीदी का कार्य 1 मार्च से प्रारंभ किया जाएगा जो 18 अप्रैल तक चलेगा। वहीं शेष संभागों में 17 मार्च से 5 मई 2025 तक गेहूँ खरीदी का कार्य उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से किया जाएगा।
80 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उत्पादन का अनुमान
प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने बताया कि अभी तक 2 लाख 91 हजार से अधिक किसानों ने गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है। उन्होंने बताया कि इस बार मध्यप्रदेश में 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है।
स्लाट बुकिंग में लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता
बैठक में आयुक्त खाद्य कर्मवीर शर्मा ने बताया कि गेहूँ उपार्जन में स्लाट बुकिंग के लिए लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि खरीदी के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भी उपयोग किया जाएगा। इस दौरान विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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गेहूँ बिक्री के लिए 1 लाख 88 हजार से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन
अभी तक एक लाख 88 हजार 645 किसानों ने पंजीयन कराया है। किसान 31 मार्च तक पंजीयन करा सकते हैं। मंत्री श्री राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि गेहूँ की विक्री के लिए समय-सीमा में पंजीयन जरूर करायें।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ की बिक्री के लिए जिला बुरहानपुर में 10, खरगौन में 487, बड़वानी में 56, अलीराजपुर में 23, खंडवा में 1999, धार में 9119, झाबुआ में 1872, इंदौर में 17298, मंदसौर 2077, नीमच 710, आगर-मालवा में 4353, देवास में 11215, रतलाम में 5684, शाजापुर में 14209, उज्जैन में 30215, अशोकनगर में 80, शिवपुरी में 222 किसानों ने पंजीयन कराया है।
- इसी तरह ग्वालियर में 303, दतिया में 545, गुना में 366, भिंड में 137, श्योपुर में 367, मुरैना में 188, जबलपुर 42, बालाघाट 19, कटनी में 104, पांढुर्णा 2, डिंडौरी में 106, छिंदवाड़ा में 824, सिवनी में 1205, नरसिंहपुर में 1012, मंडला में 1696, हरदा में 1384, बैतूल में 1140, नर्मदापुरम में 6951, विदिशा में 7026, रायसेन में 9128, राजगढ़ में 8243, भोपाल में 6911 किसानों ने पंजीयन कराया है।
- वहीं सीहोर में 31592, सतना में 309, रीवा में 328, सिंगरौली में 63, मऊगंज 5, मैहर में 36, सीधी में 393, अनूपपुर में 23, उमरिया में 359, शहडोल में 781, पन्ना में 345, निवाड़ी में 158, दमोह में 1018, टीकमगढ़ में 835, छतरपुर में 1280 और सागर में 3792 किसानों ने पंजीयन कराया है।