Crop Insurance for Failed Sowing: खराब बोवनी पर कैसे मिलेगा फसल बीमा का लाभ? जानिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नियम

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Crop Insurance for Failed Sowing: खेतों में बोवनी करने के बाद कई ऐसे मामले सामने आते हैं कि बोए गए बीज में अंकुरण ही नहीं हुआ। इसके अलावा बारिश कम या अधिक होने पर भी यह स्थिति बन जाती है। ऐसे में किसानों को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। एक ओर जहां एक बार लिए बीज की राशि से वे हाथ धो बैठते हैं तो वहीं दूसरी बार बीज लेने भी उन्हें राशि खर्च करना पड़ता है।

कई बार ऐसी स्थिति भी निर्मित होती है कि किसान दोबारा बोवनी ही नहीं कर पाते क्योंकि समय बेहद कम रहता है। इन्हीं सब कारणों से किसान को कई तरह से नुकसान उठाना पड़ता है। हालांकि यह बात कम ही किसान जानते हैं कि इन कारणों से बोवनी खराब होती है तो ऐसे किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल बीमा राशि प्राप्त कर सकते हैं।

बीमित राशि का 25 प्रतिशत मिलता है (Crop Insurance for Failed Sowing)

एडवोकेट दिनेश यादव ने इस संबंध में बताया कि जिन किसानों की खरीफ फसल की बोवनी खराब हुई है, ऐसे किसानों को फसल की बीमित राशि की 25 प्रतिशत राशि योजना अनुसार दी जानी चाहिए। इसमें शर्त यही है कि जिन बैंकों में किसानों का केसीसी खाता है, उन बैंकों द्वारा किसानों के कृषि ऋण से बीमा प्रीमियम राशि जमा किया जाना आवश्यक है।

अभी इस अवधि में किया जाएगा बीमा (Crop Insurance for Failed Sowing)

यदि किसान डिफाल्टर है या उसका केसीसी ऋण नहीं है तो ऐसे किसानों को अऋणी कृषक के रूप में बीमा कराया जाना आवश्यक है। सभी बैंकों द्वारा 15 से 30 जुलाई के मध्य किसानों के केसीसी खाते से बीमा प्रीमियम राशि काटकर बीमा कम्पनी को भेजी जाना है।

बैंकों को यह जानकारी देना है जरुरी (Crop Insurance for Failed Sowing)

किसानों को अपनी कृषि भूमि में बोई गई फसल की जानकारी, यदि उन्होंने अपनी फसल बदली है तो बैंकों को लिखित में दिया जाना जरूरी है। क्योंकि कृषि ऋण लेते समय किसानों के बैंकों के साथ हुए अनुबंध में फसल लिखी होती है। यदि उस फसल से अन्य फसल की बोवनी किसान ने की है तो उसे बैंक को इस संबंध में जानकारी दिया जाना आवश्यक है।

एक बार राशि लेने पर दोबारा लाभ नहीं (Crop Insurance for Failed Sowing)

इस योजना के अनुसार एक बार बीमा राशि प्राप्त करने के बाद वर्तमान खरीफ सत्र में शेष बीमा आवरण से किसान बाहर हो जाता है, यानी कि इसी फसल में यदि बाद में कोई नुकसानी होती है तो वह बीमा राशि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं होगा।

फसल बिगड़ने की इन्हें देना होगा सूचना (Crop Insurance for Failed Sowing)

बहुत से किसानों की खरीफ फसल बोनी बीज खराब होने, दवाई के कारण और वर्षा के कारण खराब होती है, ऐसे किसानों को बीमा कंपनी, कृषि विभाग, तहसीलदार व बैंक को आवेदन देकर अपनी बोनी बिगड़ने के संबंध में सूचना देना चाहिए। शासन द्वारा गठित जिला स्तरीय तकनीकि समिति द्वारा किसान की कृषि भूमि का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाया जाना चाहिए। ग्रामीणों के समक्ष पंचनामा के साथ फोटो व अखबार की पेपर कटिंग भी साक्ष्य के रूप में उपयोग हो सकती है, ताकि वे अपनी नुकसानी का क्लेम कर सके। (Crop Insurance for Failed Sowing)

किस जिले के लिए कितनी राशि निर्धारित (Crop Insurance for Failed Sowing)

इस योजना के अंतर्गत जिलों के लिए निर्धारित बैंक कृषि ऋणमान की 25 प्रतिशत राशि किसान को बीमा क्लेम के रूप में मिल सकती है। खण्डवा जिले में सोयाबीन का ऋणमान 40 हजार रू. प्रति हेक्टेयर है यहां किसान की बोनी बिगड़ने पर 10 हजार रू प्रति हेक्टेयर बीमा क्लेम राशि मिल सकती है।

इसी प्रकार नर्मदापुरम संभाग के अंतर्गत हरदा, नर्मदापुरम व बैतूल जिले में सोयाबीन फसल का ऋणमान 37 हजार 500 रू. प्रति हेक्टेयर है। यहां के किसानों को 9 हजार 400 रू. प्रति हेक्टेयर बीमा क्लेम राशि मिल सकती है। (Crop Insurance for Failed Sowing)

FAQs (योजना को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब)

Q1. फसल बोवनी खराब होने पर बीमा क्लेम कैसे करें?
👉 यदि बोवनी खराब होती है तो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमा क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें बीमा कंपनी, कृषि विभाग, तहसीलदार और बैंक को सूचना देकर आवेदन करना होगा।

Q2. फसल बीमा में बोवनी खराब होने पर कितनी राशि मिलती है?
👉 फसल की बीमित राशि का 25% क्लेम के रूप में दिया जाता है। जैसे सोयाबीन के लिए 37,500 रुपये के ऋणमान पर 9,400 रुपये प्रति हेक्टेयर तक मिल सकते हैं।

Q3. क्या डिफाल्टर किसान भी फसल बीमा क्लेम कर सकते हैं?
👉 हां, डिफाल्टर किसान भी अऋणी कृषक के रूप में बीमा कराकर क्लेम कर सकते हैं, लेकिन उन्हें बीमा प्रीमियम समय पर भरना होगा।

Q4. फसल बदलने पर क्या किसान क्लेम कर सकते हैं?
👉 अगर किसान ने लोन लेते समय बताई गई फसल बदल दी है, तो उसे इसकी जानकारी बैंक को लिखित में देना अनिवार्य है, तभी वह क्लेम के लिए पात्र रहेगा।

Q5. क्या एक बार बीमा क्लेम मिलने के बाद दोबारा लाभ मिल सकता है?
👉 नहीं, एक बार बीमा क्लेम लेने के बाद उसी फसल सीजन में दोबारा बीमा का लाभ नहीं मिल सकता।

Q6. बीमा के लिए आवेदन की आखिरी तारीख क्या है?
👉 खरीफ फसल के लिए बीमा प्रीमियम आमतौर पर 15 से 30 जुलाई के बीच कटता है। इस दौरान बीमा कराना आवश्यक होता है।

Q7. फसल नुकसान के प्रमाण के लिए क्या दस्तावेज जरूरी हैं?
👉 खेत का निरीक्षण रिपोर्ट, पंचनामा, फोटो, अखबार की कटिंग आदि साक्ष्य के रूप में जरूरी होते हैं।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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