Road tunnel under the river: भारत ने जम्मू-कश्मीर में दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर रेलवे पुल बनाकर अपनी इंजीनियरिंग की क्षमताएं दिखाई थी। अब भारत इंजीनियरिंग का एक और चमत्कार दिखाने को तैयार है। अब वह नदी के नीचे 4 लेन की सड़क सुरंग बना रहा है। यह देश की ऐसी पहली सुरंग होगी जो कि नदी के नीचे बनाई जा रही है। यह सड़क सुरंग यात्रा पूर्वोत्तर राज्यों से कनेक्टिविटी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (पीएमजीएस एनएमपी) के अनुरूप मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसके तहत कई रेलवे लाइन और हाई स्पीड सड़कों के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। यह सड़क सुरंग भी इसी के तहत बनाई जाएगी। इसका निर्माण देश के असम राज्य में गोहपुर और नुमालीगढ़ के बीच ब्रह्मपुत्र नदी पर किया जाएगा।
इस परियोजना में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे भारत की पहली सड़क सुरंग का निर्माण शामिल है। ब्रह्मपुत्र के नीचे चार लेन की सुरंग यात्रा के समय को 6.5 घंटे से घटाकर सिर्फ 30 मिनट कर देगी, जिससे दूरी 240 किलोमीटर से घटकर 34 किलोमीटर रह जाएगी। यह ट्विन-ट्यूब, एकतरफा पानी के नीचे की सुरंग अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से कनेक्टिविटी बढ़ाएगी। इसके अलावा भी पूर्वोत्तर राज्यों में अन्य महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है।
मेघालय में दारुगिरी से डालू खंड तक पक्की सड़क के साथ दो लेन
इस परियोजना में मेघालय में एनएच-62 (नया एनएच-217) के दारुगिरी से डालू खंड के साथ पक्की सड़क के साथ मौजूदा सड़क को दो लेन वाले राजमार्ग में विकसित करना शामिल है। यह 136.11 किलोमीटर लंबा खंड पूर्वी गारो हिल्स, दक्षिण गारो हिल्स और पश्चिमी गारो हिल्स से होकर गुजरता है, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को काफी बढ़ाता है। अपनी रणनीतिक स्थिति को देखते हुए, यह गलियारा सीमा पार व्यापार और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक है।
कलियाबोर-नुमालीगढ़ खंड के मौजूदा कैरिज वे को चार लेन तक चौड़ा करना
इस परियोजना का उद्देश्य असम में कलियाबोर-नुमालीगढ़ खंड (एनएच-37/एनएच-715) पर मौजूदा राजमार्ग को दो लेन से चार लेन में अपग्रेड करना है। नागांव, कार्बी आंगलोंग और गोलाघाट जिलों में 85.67 किलोमीटर को कवर करते हुए, इस परियोजना में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता की रक्षा के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर और वन्यजीव क्रॉसिंग जैसे वन्यजीव-अनुकूल उपाय शामिल हैं।
जैसलमेर बाईपास लिंक रोड के साथ म्याजलार से जैसलमेर तक पक्की सड़क सहित दो लेन का निर्माण और उन्नयन
राजस्थान में 138.177 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में एनएच-11 और एनएच-70 के साथ ब्राउनफील्ड एवं ग्रीनफील्ड खंड शामिल हैं। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार, पर्यटन को बढ़ावा देना, फैसिलिटी डिफेंस मूवमेंट और सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है।