Gwalior-Agra High-Speed Corridor: कुछ राज्यों को एक-एक नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के लिए तरसना पड़ता है, लेकिन मध्यप्रदेश पर इस समय केंद्र सरकार की अच्छी मेहरबानी हो रही है। यही कारण है कि इस समय केंद्र की लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं पर मध्यप्रदेश में काम चल रहा है। इससे मध्य प्रदेश में स्थायी बुनियादी ढांचा विकसित हो सकेगा।
चालू वर्ष में ही मध्य प्रदेश को 10 हजार 405 करोड़ रुपये की 24 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स की ऐतिहासिक सौगात मिली है। इन परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण भोपाल एवं जबलपुर में आयोजित कार्यक्रमों में किया गया। भोपाल में 8,038 करोड़ रुपये की लागत से 498 किलोमीटर लंबाई की 15 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और जबलपुर में 2,367 करोड़ रुपये की लागत से 226 किलोमीटर लंबाई की 9 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है. इन परियोजनाओं में एनएच-46 का छह-लेन विस्तार, एनएच-146बी का चार-लेन विस्तार और कई दो-लेन सड़क निर्माण कार्य शामिल हैं, जो राज्य के विभिन्न क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।
आगरा-ग्वालियर हाई-स्पीड कॉरिडोर प्रोजेक्ट
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी दे दी है। 88 किमी लंबे इस हाई-स्पीड कॉरिडोर को 4,613 करोड़ रुपये की लागत से बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा, जिससे आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा का समय लगभग 50 प्रतिशत कम हो जाएगा।
पर्यटन को मिल सकेगा बढ़ावा
यह परियोजना न केवल मौजूदा 4-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग की यातायात क्षमता को दोगुना कर देगी बल्कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बीच कनेक्टिविटी भी बढ़ाएगी। जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। इस हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजना से मध्य प्रदेश को व्यापक लाभ होगा।
इन तीन राज्यों को होगा इससे लाभ
यह 6-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे आगरा जिले के ग्राम देवरी से शुरू होकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश को जोड़ते हुए ग्वालियर जिले के ग्राम सुसरा तक जाएगा। इस परियोजना में एनएच-44 के मौजूदा आगरा-ग्वालियर खंड पर ओवरले और अन्य सड़क सुधार कार्य भी शामिल हैं। इस परियोजना से लॉजिस्टिक्स की दक्षता में सुधार होगा, भीड़ कम होगी और राज्य में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इस कॉरिडोर प्रोजेक्ट में शामिल यह हाईवे
यह कॉरिडोर कुल पूंजीगत लागत पर 936 किमी की लंबाई वाली 8 राष्ट्रीय हाई-स्पीड सड़क कॉरिडोर प्रोजेक्ट में भी शामिल है। इसका निर्माण 50,655 करोड़ रुपये से किया जा रहा है। यह प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के परिवहन बुनियादी ढांचे को मजबूत और सक्षम करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।