बिजली का स्मार्ट मीटर सिर्फ नाम में ही या काम में भी होगा स्मार्ट, एक महीने का बिल दिया ₹64 लाख

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बिजली खपत की सटीक गणना के नाम पर अब सभी जगह स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी स्मार्ट मीटर लगना शुरू हो चुके हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि वाकई यह मीटर बिल्कुल सटीक और सही गणना करते हैं या फिर यह भी गड़बड़ी कर सकते हैं?

बिहार के भागलपुर जिले के जगदीशपुर ब्लॉक से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। योगी वीर गांव की उपभोक्ता नेहा कुमारी ने बताया कि उनके पुराने मीटर की जगह स्मार्ट मीटर लगाया गया। लेकिन अगले ही महीने जब रीडिंग ली गई, तो उनका बिजली बिल पूरे ₹64 लाख आ गया।

बिल देखकर नेहा कुमारी घबरा गईं और तुरंत बिजली विभाग से संपर्क किया। उन्होंने विभाग में आवेदन देकर गलती सुधारने की मांग की। मामले पर जूनियर इंजीनियर संतोश कुमार ने कहा कि मीटर रीडिंग की जाँच की जाएगी और बिल में सुधार किया जाएगा। हालांकि, इस बीच उपभोक्ता को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा।

स्मार्ट मीटर से बढ़ी बिल की समस्या

यह पहली बार नहीं है जब स्मार्ट मीटर को लेकर शिकायतें आई हैं। इससे पहले भी कई उपभोक्ताओं ने दोगुना-तीन गुना अधिक बिजली बिल आने की शिकायतें की हैं।

बिहार में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। पटना ज़ोन के नेउरा सेक्शन में भी यह कार्य तेज़ी से जारी है। सितंबर 2025 तक इस ज़ोन के पांच आपूर्ति डिवीजनों में 4.33 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

स्मार्ट मीटर रिचार्ज और बैलेंस की जानकारी

स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर स्मार्ट काउंटर बनाए जा रहे हैं। ऑरेंज पे एजेंसी उपभोक्ताओं को मुफ्त में रिचार्ज और बैलेंस की जानकारी देगी। इसके अलावा, एजेंसी के कर्मचारी घर-घर जाकर रिचार्ज सेवा भी प्रदान करेंगे। उपभोक्ता बिहार बिजली स्मार्ट मीटर ऐप, गूगल पे और फोन पे के जरिए भी रिचार्ज कर सकते हैं।

स्मार्ट मीटर की समस्या का समाधान जरूरी

हालांकि, स्मार्ट मीटर से जुड़े नए-नए मामले सामने आ रहे हैं, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। बिजली विभाग ने भरोसा दिलाया है कि तकनीकी टीमों को तैनात कर समस्या का समाधान किया जाएगा।

स्मार्ट मीटर भविष्य की ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली मानी जा रही है, लेकिन वर्तमान में यह उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बन रही है। बिजली विभाग को इन समस्याओं को गंभीरता से लेकर उपभोक्ताओं को राहत देनी चाहिए। साथ ही, स्मार्ट मीटर लगाने वाली एजेंसियों को भी सिस्टम की गड़बड़ियों की जाँच और सुधार सुनिश्चित करना चाहिए।

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