सरकार किसानों को खेती के साथ पशुपालन करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और इसके लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। पोल्ट्री फार्मिंग किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय बनता जा रहा है। इससे उनकी अतिरिक्त आय होती है और इसे शुरू करने में ज्यादा पैसा भी नहीं लगता। सरकार भी पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा दे रही है और किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत विशेष छूट
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत देशी नस्ल के मुर्गियों के पालन पर विशेष छूट दी जा रही है ताकि किसान आसानी से इस कार्य को शुरू कर सकें। इस योजना का उद्देश्य देशी मुर्गियों की संख्या बढ़ाना है, जिससे किसान अंडों से निकले चूजों को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकें।
1000 देशी मुर्गियां पाल सकते हैं किसान
केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा दे रही है। इस योजना के तहत किसान 1000 देशी मुर्गियां और 50 मुर्गे पाल सकते हैं। यह 50 लाख रुपये की परियोजना के अंतर्गत आता है, जिसमें किसानों को 50% की सब्सिडी मिलेगी। हालांकि, योजना के नियमों के अनुसार मुर्गियों और मुर्गों को बेचना संभव नहीं होगा, लेकिन अंडों से निकले चूजों की बिक्री की अनुमति होगी।
किसानों को मिलेगी छूट
इस योजना में किसान को 50 लाख रुपये की परियोजना के लिए 5 लाख रुपये स्वयं निवेश करने होंगे और बैंक से 20 लाख रुपये का ऋण लेना अनिवार्य होगा। जब किसान 25% खर्च कर लेगा, तो आधी सब्सिडी उसके खाते में भेज दी जाएगी। परियोजना पूरी होने के बाद शेष छूट की दूसरी किस्त भी किसान के खाते में जमा कर दी जाएगी।
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आवेदन प्रक्रिया
इस पोल्ट्री फार्मिंग योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को उद्योग मित्र वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए पंजीकृत संस्थान से पोल्ट्री फार्मिंग का प्रशिक्षण अनिवार्य है। किसान के पास एक एकड़ भूमि होनी चाहिए, जिस पर कोई ऋण न हो, विशेष रूप से केसीसी ऋण नहीं होना चाहिए। यदि भूमि स्वयं की नहीं है, तो उसे कम से कम 10 वर्षों के लिए लीज पर लिया जाना चाहिए।
बैंक ऋण की शर्तें
योजना का लाभ लेने के लिए किसान को ऑनलाइन फॉर्म भरते समय 50 लाख रुपये की परियोजना रिपोर्ट जमा करनी होगी। इसके बाद पशुपालन विभाग की टीम जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगी। जब फॉर्म पूरा हो जाएगा, तो इसे संबंधित बैंक को भेजा जाएगा और फिर बैंक अपनी शर्तों के अनुसार ऋण स्वीकृत करेगा।