Increase in minimum wage: मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की वर्षों से लंबित मांगें पूरी नहीं हो रही है। इसके चलते उनमें असंतोष लगातार बढ़ रहा है। कर्मचारी लगातार आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं और कई संगठन तो चरणबद्ध आंदोलन की शुरूआत भी कर चुके हैं। दूसरी ओर आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारियों और श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी और एरियर भुगतान के मामले में हाईकोर्ट से आदेश के बावजूद अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। इससे इन कर्मचारियों का आक्रोश भी बढ़ रहा है।
इसे देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ भी इस मुद्दे को लेकर सक्रिय हो गए हैं। वे न्यूनतम वेतन के मामले में कर्मचारियों के पक्ष में आ गए हैं। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र भी लिखा है और कर्मचारियों के हित में शीघ्र निर्णय लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि सभी बाधाएं दूर होने के बाद भी पुनरीक्षित न्यूनतम वेतन देने का आदेश जारी करने में अनावश्यक विलंब किया जा रहा है।
जल्द हो सकती है वेतन में बढ़ोतरी
कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा यह मुद्दा लपक लिए जाने के बाद अब संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश सरकार जल्द ही कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी और उन्हें एरियर देने के आदेश जारी कर सकती है। यह आदेश जारी होते ही प्रदेश के करीब 35 लाख कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2024 से इसका लाभ मिलेगा। इससे एक ओर जहां उनका न्यूनतम वेतन बढ़ जाएगा वहीं उन्हें अप्रैल से एरियर के रूप में भी मोटी रकम प्राप्त हो सकेगी।
अप्रैल माह में किया था सरकार ने लागू
गौरतलब है कि प्रदेश में न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड ने 2019 में वेतन में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। राज्य सरकार ने अप्रैल 2024 में इसे लागू किया था, लेकिन एमजी टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन की याचिका पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने इस पर स्टे लगा दिया था। इसके बाद बीते साल 3 दिसंबर को इस अंतरिम आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी और एरियर की राह खुल गई थी।