MP Kheti News: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में आम आदमी पार्टी ने अमानक मक्का बीज घोटाले के खिलाफ किसानों के हक में बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है। प्रदेश संयुक्त सचिव अजय सोनी ने बताया कि आठनेर ब्लॉक में किसानों को जो मक्का बीज वितरित किया गया था, उसकी कोई लिखित प्रमाणिकता नहीं थी। जब बीज अंकुरित नहीं हुए तो किसानों ने इसकी शिकायत शासन-प्रशासन से की। आनन-फानन में 24 जून की जिला पंचायत बैठक में बीज सप्लायर फर्म पर एफआईआर दर्ज कराई गई।
अजय सोनी ने बताया कि 14 जून को कृषि विभाग के जिला उप संचालक द्वारा डिमांड ऑर्डर जारी किया गया था। 23 जुलाई को नर्मदापुरम प्रयोगशाला की रिपोर्ट में बीज को अमानक पाया गया, जिसके बाद कुछ किसानों के नाम से आठनेर थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई। इस मामले में निष्पक्ष जांच और किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए आम आदमी पार्टी ने 29 जुलाई को आठनेर तहसीलदार कीर्ति डेहरिया को ज्ञापन सौंपा था।
धरना प्रदर्शन के बावजूद कार्रवाई नहीं
बावजूद इसके प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए, जिससे किसानों में आक्रोश बढ़ता गया। अजय सोनी और जिला उपाध्यक्ष श्रीराम मानकर, राकेश चढ़ोकर सहित कई किसानों ने एडीएम राजीव नंदन श्रीवास्तव से भी मुलाकात की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके विरोध में 24 सितंबर से 30 सितंबर तक आठनेर थाना परिसर के ग्राउंड में शांतिपूर्ण धरना दिया गया। लेकिन यहां भी कोई प्रशासनिक अधिकारी किसानों की सुनवाई के लिए नहीं आया।
अर्धनग्न तिरंगा दांडी यात्रा निकाली
प्रशासन की अनदेखी के चलते 30 सितंबर को धरने के सातवें दिन आम आदमी पार्टी ने आठनेर से जिला कलेक्टर कार्यालय तक 35 किलोमीटर की अर्धनग्न तिरंगा दांडी यात्रा निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। लेकिन कलेक्टर की अनुपस्थिति में एसडीएम राजीव कहार को मामले से अवगत कराया गया। इसके बाद भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर जिला सोशल मीडिया प्रभारी विशाल भालेकर ने RTI दायर कर आठनेर ब्लॉक में वितरित मक्का बीज की सूची और उसकी गुणवत्ता की रिपोर्ट मांगी।
राज्य सूचना आयोग भोपाल पहुंचा मामला
आरटीआई का जवाब समय पर नहीं मिलने के बाद अब मामला राज्य सूचना आयोग भोपाल तक पहुंच चुका है। इसी बीच, प्रशासन ने आंदोलन दबाने के लिए आम आदमी पार्टी के 14 कार्यकर्ताओं पर बिना अनुमति धरना देने का हवाला देकर एफआईआर दर्ज करा दी। अजय सोनी ने बताया कि यह लड़ाई एफआईआर से रुकने वाली नहीं है। किसानों का हक दिलाने के लिए राज्य सूचना आयोग से दस्तावेज प्राप्त कर न्यायालय में मामला ले जाया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।