Fake Seeds and Fertilizers Law: देश में अमानक बीज, खाद और उर्वरक बेहद गंभीर विषय है। इसे लेकर सरकार जल्द ही कड़ा कानूनी प्रावधान लाएगी। उर्वरकों के एमआरपी पर भी काम करने की जरूरत है। उर्वरक की सही कीमत तय होनी जरूरी है। यह बात केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की 96वीं वार्षिक आम बैठक में कही।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने कहा कि कल मैंने मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती का निरीक्षण किया। जहां खराब बीज की गंभीर समस्या देखने को मिली। खराब बीज के कारण अकुंरण ही नहीं हो पाया था। जिसके बारे में मैंने त्वरित जांच के आदेश दे दिए हैं। सोयाबीन, दलहन, तिलहन में अभी और अधिक शोध व काम की जरुरत है। गेहूं, चावल, मक्के के साथ-साथ दलहन, तिलहन व अन्य फसलों के उत्पादन में वृद्धि को लेकर तेजी से प्रयास करने होंगे। जिसके लिए राज्यवार एवं फसलवार कार्ययोजना बनाई जाएगी।
राज्य सरकारों के सहयोग बिना प्रयास अधूरे (Fake Seeds and Fertilizers Law)
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है, राज्य सरकारों के सहयोग के बिना कृषि की उन्नति के प्रयास अधूरे हैं। केंद्र और राज्यों को मिलकर कृषि क्षेत्र के लिए कार्य करना होगा। पिछले वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। एक समय था जब हमें निम्न गुणवत्ता वाला गेहूं अमेरिका से आयात करके खाना पड़ता था। आज हम कृषि उत्पाद निर्यात कर रहे हैं।

सोयाबीन को लेकर हुई इंदौर में बृहद बैठक (Fake Seeds and Fertilizers Law)
शिवराज सिंह ने कहा कि फसलवार बैठकों का क्रम शुरू किया जा चुका है। सोयाबीन पर मध्य प्रदेश के इंदौर में बृहद बैठक की गई है। आगे अब कपास, गन्ने व अन्य फसलों को लेकर भी विशेष बैठकें की जाएगी। आगामी 11 जुलाई को कोयम्बटूर में कपास को लेकर सम्मेलन करेंगे। कपास मिशन को उपयोगी बनाने पर विचार करेंगे।
किसानों की मांग अनुरूप बने खेती के उपकरण (Fake Seeds and Fertilizers Law)
कृषि मंत्री ने वैज्ञानिकों से आह्वान करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी के और बेहतर इस्तेमाल के साथ किसानों की मांग के अनुरूप और आधुनिक खेती के उपकरण बनाने की दिशा में प्रयास करें। एक अनुभव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक किसान द्वारा ऐसे उपकरण बनाने की मांग की गई थी, जो उर्वरकता की जांच कर सके। ऐसा उपकरण जो बता सके कि तय मापदंड के अनुसार उर्वरक की गुणवत्ता सही है या नहीं, उर्वरक उपयोगी है या नहीं। ऐसे ही कई विचारों को आधार बनाकर शोध की दिशा तय की जा सकती है।

खेती को जमीनी स्तर पर जाकर समझना जरुरी (Fake Seeds and Fertilizers Law)
श्री चौहान ने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित खेती और समृद्ध किसान जरूरी है। जिसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं खेतों में जाकर किसानों से मिलकर खेती को जमीनी स्तर पर समझने की कोशिश कर रहा हूं। कश्मीर के सेब हो, केसर हो, उत्तर-प्रदेश का गन्ना या कर्नाटक की सुपारी हो, मैं सब जगह जाकर खेती को नजदीक के समझने और भावी रणनीतियों को लेकर प्रयासरत हूं।
एमपी में स्थापित किया जाए अनुसंधान केंद्र (Fake Seeds and Fertilizers Law)
मध्यप्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा भी परिषद की इस बैठक में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का मसालों के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान है। इसको दृष्टिगत रखते हुये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का प्रदेश में अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया जाये। इससे प्रदेश के कृषकों को मसाला फसलों की उन्नत प्रजातियां सुलभ एवं उचित दाम पर उपलब्ध हो सकेंगी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मसाला उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा।
उचित मूल्य पर मिले सब्जियों के बीज (Fake Seeds and Fertilizers Law)
मंत्री श्री कुशवाहा ने कहा कि सब्जियों की संकर किस्मों के बीज बाजार में अधिक कीमतों में उपलब्ध हो पाते हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान द्वारा उत्पादित संकर सब्जी बीजों को प्रदेश के कृषकों को सुलभ एवं उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिये प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर बीज उत्पादन का कार्यक्रम अभियान के रूप में चलाया जाए। इससे कम लागत और कम समय में किसान बेहतर उत्पादन कर सकेंगे। (Fake Seeds and Fertilizers Law)
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