Kanha National Park: वन्यप्राणियों का करीब से करना हो दीदार तो पहुंच जाएं एमपी के इस नेशनल पार्क

By
On:

Kanha National Park: भारत के दिल मध्यप्रदेश पर एक ओर जहां प्रकृति ने खुलकर सौंदर्य बिखेरा है वहीं सुंदर-सुंदर वन्य प्राणियों का तोहफा भी दिया है। यही कारण है कि इनके दीदार के लिए बड़ी संख्या में अन्य राज्यों ही नहीं बल्कि विदेशों तक से बड़ी तादाद में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। पर्यटकों के द्वारा खासा पसंद किया जाने वाला प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है कान्हा नेशनल पार्क।

कान्हा नेशनल पार्क मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट जिलों में स्थित है। बफर जोन सहित इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 1945 वर्ग किलोमीटर है। वर्ष 1955 में इसे नेशनल पार्क घोषित किया गया वहीं वर्ष 1973 में यह टाइगर रिजर्व बना। इस स्थान की खास बात यह है कि इसे किपलिंग की प्रसिद्ध रचना द जंगल बुक का प्रेरणास्रोत माना जाता है।

इन जीवों के लिए है प्रसिद्ध

कान्हा नेशनल पार्क में बंगाल टाइगर, बारासिंघा, तेंदुआ, जंगली कुत्ते, गौर, भालू, चीतल, सांभर, नीलगाय मुख्य रूप से पाए जाते हैं। बारासिंघा को कान्हा का गहना कहा जाता है। इन्हें विलुप्त होने से बचाने के लिए इनके संरक्षण के लिए यहां विशेष प्रयास किए गए हैं।

देखते ही बनते हैं घास के मैदान

यहां के खुले मैदान और ऊंची घास बेहद सुंदर दृश्य दिखाते हैं। यहां से कुछ दूर नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंटक है। कान्हा के पास कई पहाड़ी क्षेत्रों से सूर्यास्त के दृश्य देखे जा सकते हैं। बामनी डाडर कान्हा का सबसे ऊंचा स्थान है और इसे सूर्यास्त प्वाइंट भी कहा जाता है। यहां से जंगल के विस्तृत दृश्य और सूरज की रोशनी के सुनहरे दृश्य दिखाई देते हैं।

हाथी से जंगल की सफारी

कान्हा नेशनल पार्क में सफारी का अपना एक अलग ही मजा है। यहां पर खुली जीप से हाथी सफारी के जरिए जंगल की सैर की जा सकती है। सफारी के दौरान टाइगर और अन्य वन्य जीव बेहद करीब से देखे जा सकते हैं। कान्हा को पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग कहा जाता है। यहां पक्षियों की 300 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है। जिनमें मोर, हॉर्नबिल, किंगफिशर और चील शामिल हैं।

आसपास के घूमने लायक स्थान

कान्हा के साथ ही इसके आसपास भी कई स्थान घूमने लायक हैं। किसली जोन में बारासिंघा आसानी से देखे जा सकते हैं। मुकारजी जोन में टाइगर देखे जा सकते हैं। सारही और भजरी जोन में बायोडायवर्सिटी की विविधता और घने जंगल देखे जा सकते हैं।

कान्हा की सैर का उपयुक्त समय

कान्हा नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून के बीच माना जाता है। जुलाई से सितंबर तक पार्क बंद रहता है। अक्टूबर से फरवरी का समय यहां वन्यजीवों को देखने के लिए आदर्श माना जाता है। वहीं मार्च से जून तक बाघों को पानी के निकट देखने की संभावना बढ़ जाती है।

कैसे पहुंचे कान्हा नेशनल पार्क

कान्हा नेशनल पार्क के सबसे निकट का हवाई अड्डा जबलपुर है जो कि कान्हा से 165 किलोमीटर दूर है। वहीं निकटतम रेलवे स्टेशन गोंदिया और जबलपुर है। गोंदिया की दूरी 145 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से यह सभी दूर से अच्छी तरह से जुड़ा है।

रहने और खाने की व्यवस्था

कान्हा नेशनल पार्क में ठहरने के लिए कई अच्छे रिजॉर्ट, लॉज और फॉरेस्ट रेस्ट हाउस हैं। यहां ठहरकर जंगल के करीब रहने का आनंद उठाया जा सकता है। यहां स्थानीय व्यंजन और भारतीय भोजन का मजा लिया जा सकता है।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

सुझाव,शिकायत के लिए हमसे संपर्क करे - betulupdate@gmail.com

Leave a Comment