Swamitva Sampatti Card: एमपी सहित 10 राज्यों के 65 लाख लोगों को कल मिलेंगे स्वामित्व संपत्ति कार्ड, मिलेगा मालिकाना हक

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Swamitva Sampatti Card: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 18 जनवरी 2025 (शनिवार) को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वामित्व संपत्ति कार्डों के ई-वितरण की अध्यक्षता करेंगे, जो भारत के ग्रामीण सशक्तिकरण और शासन यात्रा में एक मील का पत्थर होगा। इस कार्यक्रम में 10 राज्यों- छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और 2 केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के 50,000 से अधिक गांवों में लगभग 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए जाएंगे। यह अवसर स्वामित्व योजना के तहत लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार करने और वितरित करने और एक ही दिन में लगभग 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित करने की एक बड़ी उपलब्धि का भी प्रतीक है।

आयोजन के दौरान, प्रधानमंत्री श्री मोदी चुनिंदा लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह, राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल और पंचायती राज मंत्रालय सचिव विवेक भारद्वाज की गरिमामयी उपस्थिति में राष्ट्र को संबोधित करेंगे। इस समारोह में कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि और देशभर के प्रमुख हितधारक भी वर्चुअली शामिल होंगे। इस अवसर पर 230 से अधिक जिलों में आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में नागरिक संपत्ति कार्ड के वितरण में भाग लेंगे। उम्मीद है कि संपत्ति कार्ड के क्षेत्रीय वितरण समारोह की देखरेख के लिए देशभर से लगभग 13 केंद्रीय मंत्री निर्दिष्ट स्थानों पर शामिल होंगे।

स्वामित्व योजना की प्रमुख उपलब्धियां

स्वामित्व योजना में देश भर के 3.17 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। इसमें केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप, लद्दाख, दिल्ली, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के साथ-साथ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य शामिल हैं। इन राज्यों के अलावा, हरियाणा, उत्तराखंड, पुडुचेरी, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और गोवा के सभी बसे हुए गांवों के लिए संपत्ति कार्ड बनाए गए हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर 346187 गांव अधिसूचित

राष्ट्रीय स्तर पर, इस योजना के तहत कुल 3,46,187 गांवों को अधिसूचित किया गया है, जिसमें से 3,17,715 गांवों में ड्रोन उड़ाने का काम पूरा हो गया है, जो 92 प्रतिशत उपलब्धि को दर्शाता है। राज्य की जांच के लिए नक्शे सौंप दिए गए हैं और 1,53,726 गांवों के लिए संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड जारी किए गए हैं । उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने क्रमशः 73.57 प्रतिशत और 68.93 प्रतिशत संपत्ति कार्ड तैयार करने में पर्याप्त प्रगति के साथ शत-प्रतिशत ड्रोन सर्वेक्षण हासिल किया है।

हरियाणा और उत्तराखंड ड्रोन सर्वेक्षण और संपत्ति कार्ड तैयारी दोनों में 100 प्रतिशत लक्ष्य के साथ आगे हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और राजस्थान ने ड्रोन सर्वेक्षण में सराहनीय प्रगति की है। महाराष्ट्र और गुजरात ने 98 प्रतिशत से अधिक की उपलब्धि हासिल की है। कुल 67,000 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण आबादी भूमि का सर्वेक्षण किया गया है, जिसका मूल्य 132 लाख करोड़ रुपये आंका गया है, जो इस पहल के आर्थिक महत्व पर बल देता है।

ग्रामीण भारत के लिए परिवर्तनकारी पहल

प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा 24 अप्रैल 2020 (राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस) को प्रारंभ की गई स्वामित्व योजना का उद्देश्य ड्रोन और जीआईएस तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में संपत्ति मालिकों को “अधिकारों का रिकॉर्ड” प्रदान करना है। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर 2020 को संपत्ति कार्डों का पहला सेट वर्चुअली वितरित किया, जो इस परिवर्तनकारी पहल के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। स्वामित्व योजना का ग्रामीण भारत पर भूमि प्रशासन को मजबूत करने, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और ग्रामीण सामुदायिक विकास को गति देने के माध्यम से परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ा है।

इसने बैंक ऋण तक आसान पहुंच की सुविधा प्रदान की है, लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवादों को सुलझाया है और महिलाओं को उनके संपत्ति अधिकारों को सुरक्षित करके सशक्त बनाया है, जो सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में एक मील का पत्थर है। स्वामित्व योजना समग्र सरकार के दृष्टिकोण का उदाहरण है। इसने न केवल संपत्ति मालिकों को सशक्त बनाया है, बल्कि ग्रामीण भारत में बेहतर बुनियादी ढांचा नियोजन, वित्तीय स्थिरता और सतत विकास को भी सक्षम बनाया है।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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