Sampatti Card Ke Fayde: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को स्वामित्व योजना अंतर्गत सम्पत्ति कार्ड के ई-वितरण कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की ग्राम पंचायत पीपलिया मीरा के हितग्राही मनोहर मेवाड़ा से वर्चुअल संवाद किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मनोहर से स्वामित्व योजना में मिले सम्पत्ति कार्ड से उनके जीवन में आये बदलाव की जानकारी ली।
हितग्राही मनोहर मेवाड़ा ने बताया कि जब उनके पास अपनी जमीन का कोई कागज नहीं था, तब कोई भी बैंक हमें लोन नहीं देता था। स्वामित्व योजना में सम्पत्ति कार्ड मिल जाने से हमें आसानी से 10 लाख का लोन मिल गया। लोन से हमने डेयरी फार्म शुरू किया, जिसमें 5 गाय और एक भैंस है। इनसे प्रतिमाह 30 हजार रूपये की आमदनी हो रही है, जिसमें 16 हजार रूपये नियमित रूप से बैंक की किस्त भी जमा कर रहे हैं। डेयरी फार्म में मेरा परिवार भी सहयोग कर रहा है। खेती के साथ पशुपालन से होने वाली आय हमारे परिवार के लिये लाभप्रद हो रही हैं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हितग्राही मनोहर का अनुभव सुन कर कहा कि मुझे खुशी है कि स्वामित्व योजना से आपके जीवन की मुश्किलें कम हुई हैं। मुझे यह देख कर अच्छा लगा कि केन्द्र सरकार की स्वामित्व जैसी योजनाओं से आप जैसे लाखों लोगों की आमदनी बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि देश के हर नागरिक का शीश गर्व से ऊँचा रहे और उसके जीवन में सुगमता आये। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मनोहर मेवाड़ा से कहा कि वे अपने गाँव के अन्य हितग्राहियों को भी स्वामित्व योजना के लाभ से अवगत करायें।
प्रधानमंत्री ने 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में योजना के तहत वितरित किए 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50,000 से अधिक गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत के गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ऐतिहासिक दिन है।
पांच साल पहले स्वामित्व योजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच साल पहले स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को उनके प्रॉपर्टी कार्ड मिलें। उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्य प्रॉपर्टी के मालिकाना हक के प्रमाणपत्रों को अलग-अलग नामों से पुकारते हैं, जैसे घरौनी, अधिकार अभिलेख, प्रॉपर्टी कार्ड, मालमत्ता पत्रक और आवासीय भूमि पट्टा। श्री मोदी ने कहा, “पिछले 5 वर्षों में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को स्वामित्व कार्ड दिए गए हैं।” आज के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 65 लाख से ज़्यादा परिवारों को ये कार्ड मिल चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत अब गांवों में रहने वाले करीब 2.25 करोड़ लोगों को उनके घरों के लिए कानूनी दस्तावेज मिल चुके हैं।
पीएम ने बताया- क्यों शुरू की गई यह योजना
प्रधानमंत्री ने एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री के बारे में बताया, जिन्होंने संपत्ति के अधिकारों की चुनौती पर एक किताब लिखी थी। उस किताब में बताया गया था कि ग्रामीणों के पास स्वामित्व वाली छोटी संपत्ति अक्सर “मृत पूंजी” होती है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि संपत्ति का इस्तेमाल लेन-देन के लिए नहीं किया जा सकता है और इससे परिवार की आय बढ़ाने में मदद नहीं मिलती है। श्री मोदी ने कहा कि भारत संपत्ति के अधिकारों की वैश्विक चुनौती से अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि लाखों-करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद, ग्रामीणों के पास अक्सर कानूनी दस्तावेजों की कमी होती है, जिससे विवाद होते हैं और यहां तक कि शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्जा भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि कानूनी दस्तावेजों के बिना, बैंक भी ऐसी संपत्तियों से दूरी बनाए रखते हैं।
पिछली सरकारों ने नहीं उठाए ठोस कदम
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछली सरकारों ने इस मुद्दे को हल करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि 2014 में सरकार ने स्वामित्व योजना के माध्यम से संपत्ति के दस्तावेजीकरण की चुनौती से निपटने का फैसला किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी संवेदनशील सरकार अपने ग्रामीणों को इस तरह के संकट में नहीं छोड़ सकती। स्वामित्व योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें ड्रोन का इस्तेमाल करके गांवों में घरों और जमीनों की मैपिंग करना और ग्रामीणों को आवासीय संपत्तियों के कानूनी दस्तावेज प्रदान करना शामिल है। उन्होंने कहा कि इस योजना के लाभ अब दिखाई देने लगे हैं। श्री मोदी ने स्वामित्व योजना के लाभार्थियों के साथ अपनी पिछली बातचीत का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब उन्हें अपनी संपत्तियों के लिए बैंकों से सहायता मिलती है, और उनकी संतुष्टि और खुशी स्पष्ट है। लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री को बताया था कि कैसे इस योजना ने उनके जीवन को बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने इसे एक बड़ा आशीर्वाद माना।
लगभग आधे गांवों में हो चुका ड्रोन सर्वेक्षण पूरा
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत में 6 लाख से ज्यादा गांव हैं, जिनमें से लगभग आधे गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कानूनी दस्तावेज मिलने के बाद लाखों लोगों ने अपनी संपत्ति के आधार पर बैंकों से लोन लिया और अपने गांवों में छोटे-मोटे व्यवसाय शुरू किए। उन्होंने कहा कि इनमें से कई लाभार्थी छोटे और मध्यम किसान परिवार हैं, जिनके लिए ये संपत्ति कार्ड आर्थिक सुरक्षा की एक बड़ी गारंटी बन गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवार अवैध कब्जों और लंबे अदालती विवादों से सबसे अधिक प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रमाणीकरण के साथ अब वे इस संकट से मुक्त हो जाएंगे। उन्होंने एक अनुमान का जिक्र किया कि एक बार सभी गांवों में संपत्ति कार्ड जारी हो जाने पर, इससे 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इससे देश की अर्थव्यवस्था में काफी बड़ी पूंजी जुड़ेगी।