Ret Ke Dam Honge Kam: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के वन क्षेत्र से सटे ग्रामीण अंचलों में रेत के अवैध उत्खनन की शिकायतों के बाद खनिज विभाग ने 13 नई खदानें खोलने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। जिले के जनप्रतिनिधियों के पास लगातार शिकायतें मिल रही थी कि वन क्षेत्र और इनसे सटे अंचलों में बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन किया जा रहा है। खनन से क्षेत्र की सड़कें भी पूरी तरह बर्बाद हो गई है। यह मामला प्रभारी मंत्री तक भी पहुंचा था, तब उन्होंने खनिज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जिन क्षेत्रों में अवैध उत्खनन हो रहा है, वहां नई खदानें घोषित करने का प्रस्ताव भेजा जाएं। इसके बाद खनिज विभाग ने राज्य शासन को जिले के दो ब्लॉकों में 13 नई खदानें घोषित करने का प्रस्ताव भेज दिया है।
जिले में पीले सोने की तस्करी कोई नई बात नहीं है। माफियाओं की कुदृष्टि अवैध रेत खनन पर लगी रहती है। भले ही प्रशासनिक अधिकारी इन खनन माफियाओं पर नकेल कसें, लेकिन कुछ दिनों में ही खनन का काम बड़े पैमाने पर शुरु हो जाता है। यह मामला जिले के जनप्रतिनिधियों के भी संज्ञान में आने के बाद अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा जाता है।
पिछले दिनों बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल को भी जिले के वन क्षेत्रों में 12 खदानें चिन्हित होने पर भी अवैध उत्खनन करने की शिकायत मिली थी। इस पर उन्होंने प्रभारी मंत्री और कलेक्टर को अवगत कराया। विधायक को ग्रामीण अंचलों के वनक्षेत्र से सटे क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर अवैध खनन की शिकायत मिली। संयोगवश पिछले दिनों प्रभारी मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल के संज्ञान में भी लाया गया। विधायक की नाराजगी के बाद प्रभारी मंत्री ने खनिज विभाग को नवीन रेत खदान स्वीकृत करने के निर्देश दिए।
इन क्षेत्रों में नई खदानें खोलने का प्रस्ताव
जिले के शाहपुर और घोड़ाडोंगरी ब्लॉक की 12 नई रेत खदानें घोषित करने का प्रस्ताव खनिज विभाग राज्य शासन को भेज दिया है। इन खदानों में शाहपुर ब्लॉक की पाठई में माचना नदी पर 13 हजार घन मीटर, गुवाड़ी-1 में तवा नदी पर 36800 घनमीटर, गुवाड़ी-2 में तवा नदी पर 80 हजार घन मीटर, तेन्दुखेड़ा में मोरंड नदी चिखली रैय्यत में 24600 घन मीटर, डेंडुपुरा-1 में तवा नदी गुवाड़ी पर 1 लाख 27 हजार 400 घनमीटर, डाबरी में मोरंड नदी पर 94 हजार 500 घन मीटर, गुवाड़ी -3 में तवा नदी पर 65 हजार घनमीटर, गुरगुंदा-1 तवा नदी भौंरा में 68 हजार 600 घनमीटर और इसी ब्लॉक के गुरगुंदा-2 में तवा नदी भौंरा में 79 हजार 200 घनमीटर रेत निकालने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया है। इसी तरह घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के बासपुर स्थित तवा नदी पर 38500 घनमीटर, काली रैय्यत में लोहार नदी सातलदेही में 13 हजार घनमीटर, चिचडोल रैय्यत भांगड़ा नदी में बंजारी ढाल पर 8 हजार 122 मीटर, हिरनघाटी भांगड़ा नदी नूतनडंगा पर 28 हजार 875 घनमीटर किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
प्रतिस्पर्धा बढ़ने से रेत मिलेगी सस्ती
लोगों का मानना है कि नई रेत खदानें खुलने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेंगी और इससे लोगों को थोड़ी सस्ती रेत मिल सकेगी। इससे उन लोगों को राहत मिल सकेगी जिन्हें अपने मकान बनाना है। गौरतलब है कि बैतूल जिले की रेत भी नर्मदा नदी की रेत की तरह उच्च गुणवत्ता की मानी जाती है। यही कारण है कि यहाँ की रेत की जिले में ही नहीं बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों और महाराष्ट्र व अन्य कई राज्यों में भी जाती है। यदि यहाँ दाम कम होते हैं तो इसका लाभ अन्य जिलों व राज्यों के लोगों को भी मिल सकेगा।
अवैध प्रकरणों में महज 62 लाख की वसूली
खनिज विभाग द्वारा अवैध खनन के प्रकरणों में कार्रवाई का दावा जोर-शोर से किया जाता है, लेकिन विभाग द्वारा खुद उपलब्ध कराई जानकारी पर नजर दौड़ाएं तो चौकाने वाली बात सामने आ रही है। दरअसल, विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 86 प्रकरणों में 139 करोड़ 88 लाख का अर्थदंड प्रस्तावित किया था, लेकिन महज 62 लाख 68 हजार रुपए ही वसूल किए गए है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अर्थदंड वसूली के मामले में खनिज विभाग फिसड्डी साबित हुआ है। गाहे-बगाहे विधायकों के संज्ञान में अवैध उत्खनन का मामला सामने आने के बाद खदानों को वैध करने की प्रक्रिया शुरु करना मजबूरी बन गया है।