Proposed metropolis of MP: देश के चार महानगरों की तरह मध्यप्रदेश में भी 2 महानगर जल्द ही अस्तित्व में आने वाले हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा योजना बनाई जा रही है। यह ऐलान खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गणतंत्र दिवस पर इंदौर में आयोजित समारोह के दौरान किया। इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कई शहरों को आपस में मिलाया जाएगा। इससे उन ग्रामीण क्षेत्रों का भी समुचित विकास हो सकेगा, जो कि इन शहरों के बीच में आएंगे।
गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर के नेहरू स्टेडियम में आयोजित समारोह में तिरंगा फहराया और सांस्कृतिक कार्यक्रम देखें। इसके पश्चात उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि प्रदेश में 2 महानगर बनाए जाएंगे। इनमें एक महानगर भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ को मिलाकर बनाया जाएगा। वहीं दूसरा महानगर उज्जैन, इंदौर, देवास और धार को मिलाकर बनाया जाएगा। ऐसा किए जाने से इन शहरों के बीच में जो ग्रामीण क्षेत्र आएंगे, उनका भी स्वत: विकास होगा। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में 2 महानगर बनाए जाने की चर्चा चल रही है। इन चर्चाओं की आखिरकार पुष्टि हो गई है।
प्रदेश में गांवों तक होगी परिवहन व्यवस्था
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि अब प्रदेश में दूरदराज के ग्रामीण अंचलों तक भी परिवहन व्यवस्था होगी। अभी तक हमारा राज्य देश का इकलौता राज्य था, जहां परिवहन व्यवस्था निजी हाथों में थी और कोई सरकारी व्यवस्था नहीं थी। अब सरकार ने निर्णय लिया है कि लोक परिवहन का प्रबंधन सरकार के माध्यम से किया जाएगा। बड़े शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोक परिवहन व्यवस्था मजबूत की जाएगी।

श्रीराम वन गमन पथ का होगा निर्माण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानकारी दी कि प्रदेश में 1450 किलोमीटर लंबे श्रीराम वन गमन पथ का निर्माण भी किया जाएगा। इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से जुड़े तीर्थ स्थलों पर श्री कृष्ण पाथेय का गठन कर उससे जोड़ा जाएगा। भगवान राम व श्री कृष्ण के आधार पर इस धरती ने अतीत के गौवशाली पृष्ठ को जीया है, उस स्वर्णिम अध्याय को हम फिर से समाज के सामने लाने का निर्णय कर रहे हैं।
एक वर्ष में प्रदेश में चहुंमुखी विकास
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक वर्ष में प्रदेश के चहुँमुखी विकास के साथ प्रदेश की जनता के हित में जन-सहयोग से जो कार्य हुए हैं, उनसे मध्यप्रदेश विकसित राज्य के रूप में पहचान बना रहा है। इस उपलब्धि का श्रेय प्रदेश के लगभग साढ़े आठ करोड़ नागरिकों को जाता है, जो इस पहचान के शिल्पकार रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशानुरूप विकसित भारत के लिए विकसित मध्यप्रदेश की हमारी यात्रा निरंतर चल रही है।