PM Awas Yojana : पीएम आवास योजना में इन चार तरह से मिलता है लाभ, जरुरत के अनुसार ले सकते लाभ

By
On:

PM Awas Yojana : मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में अब तक 8 लाख 25 हजार जरूरतमंद हितग्राहियों के आवास निर्माण पूरे किये जा चुके हैं। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के पहले चरण में 9 लाख 45 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के प्रथम चरण की क्रियान्वयन की सम्पूर्ण अवधि में मध्यप्रदेश देशभर में अग्रणी स्थान पर है। योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिये मध्यप्रदेश और प्रदेश की कई नगरीय निकायों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के प्रथम चरण में प्रभावी क्रियान्वयन का श्रेय न्यूनतम दर पर आवास उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार द्वारा किये गये कई नवाचारों को जाता है। स्वीकृत आवासों के निर्माण कि लिये केन्द्रांश और राज्यांश की अनुदान राशि 19 हजार 700 करोड़ रूपये एवं क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) घटक के लिये ब्याज अनुदान के रूप में 3 हजार 900 करोड़ रूपये, इस प्रकार कुल राशि 23 हजार 600 करोड़ रूपये स्वीकृत की जा चुकी है। हितग्राहियों को अब तक 22 हजार 800 करोड़ रूपये की राशि जारी की जा चुकी है।

पीएम आवास योजना 2.0 की शुरूआत

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 की शुरूआत कर दी है। इस योजना का लाभ उन हितग्राहियों को दिया जायेगा, जिन्हें किसी कारण से आवास योजना का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने विभाग के मैदानी अमले को योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिये हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के आवेदन संबंधी जानकारी नजदीकी नगरीय निकायों से प्राप्त की जा सकती है। योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये केन्द्र सरकार ने यूनीफाइड वेब पोर्टल पर भी जानकारी अपलोड की है।

योजना के दूसरे चरण में चार घटक

प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 में 4 प्रकार के घटक हैं। इसलिये हितग्राही आवेदन करते समय अपनी पात्रता और आवश्यकता के अनुसार घटक का चयन कर सकते हैं। योजना संबंधी निर्देशिका https://pmaymis.gov.in/PMAYMIS2_2024/PmayDefault.aspx से भी प्राप्त की जा सकती है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 में देश में एक करोड़ आवास और मध्यप्रदेश में 10 लाख आवासों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है।

पहला घटक : स्व-स्थाने स्लम पुनर्विकास (आईएसएसआर)

आईएसएसआर घटक के तहत निजी डेवलपर्स की भागीदारी के साथ संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके पात्र झुग्गी निवासियों के लिए बनाए गए सभी घरों के लिए ₹1 लाख प्रति घर केंद्रीय सहायता स्वीकार्य है। दिशानिर्देशों के तहत पुनर्विकास के बाद, राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे स्लमों के लिए अधिसूचना को रद्द करने की सिफारिश की जाती है। अन्य स्लमों के पुनर्विकास के लिए इस केंद्रीय सहायता को उपयोग करने के लिए राज्यों/ शहरों को छूट/नम्यता दी गई है। राज्य/ शहर परियोजनाओं को वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स / फर्श क्षेत्र अनुपात या हस्तांतरण विकास अधिकार प्रदान करते हैं। निजी स्वामित्व वाली भूमि पर स्लमों के लिए, राज्य/ शहर अपनी नीति के अनुसार भूस्वामी को अतिरिक्त एफएसआई/ एफएआर या टीडीआर प्रदान करते हैं। ऐसे मामले में कोई केंद्रीय सहायता स्वीकार्य नहीं है।

दूसरा घटक : ऋण आधारित ब्याज सब्सिडी योजना (सीएलएसएस)

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/ निम्न आय वर्ग (एलआईजी), मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) -I और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी)-II के लाभार्थी जो बैंकों, आवास वित्त कंपनियों और अन्य ऐसे संस्थाओं से आवास ऋण की मांग कर रहे हैं वे मकानों को अधिग्रहण, निर्माण या वृद्धि ( केवल ई डब्ल्यू एस/ निम्न आय वर्ग के लिए मान्य) के लिए ₹ 6 लाख, ₹ 9 लाख और ₹ 12 लाख की ऋण राशि पर क्रमानुसार 6.5%, 4% और 3% ब्याज सब्सिडी के लिए पात्र हैं। मंत्रालय ने आवास और शहरी विकास निगम (हुडको), राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के रूप में नामित किया है ताकि वे ऋणदाता संस्थाओं के माध्यम से लाभार्थियों को व्यवस्थित तरीके से सब्सिडी प्रदान कर सकें और प्रगति की निगरानी कर सकें। एमआईजी श्रेणी के लिए योजना को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाया गया है। सीएलएपी पोर्टल ने सीएलएसएस घटक के तहत प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिससे मंत्रालय द्वारा शिकायतों को कम करने में भी सुविधा हुई है।

तीसरा घटक : भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी)

एएचपी के तहत, भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सहायता ₹ 1.5 लाख प्रति ईडब्ल्यूएस आवास प्रदान की जाती है। एक किफायती आवास परियोजना विभिन्न श्रेणियों के लिए घरों का मिश्रण हो सकती है, परन्तु केंद्रीय सहायता की पात्रता के लिए परियोजना में कम से कम 35% आवास ईडब्ल्यूएस श्रेणी के होना आवश्यक हैं। राज्यों/ संघ शासित प्रदेश ईडब्ल्यूएस आवासों के विक्रय हेतु एक अधिकतम मूल्य निर्धारित करते हैं ताकि लाभार्थियों के लिए उन्हें किफायती और सुलभ बनाया जा सके। राज्य और शहर अन्य रियायतें जैसे कि उनका राण्यांश, सस्ती दर पर जमीन, स्टांप शुल्क में छूट आदि देते हैं।

चौथा घटक : लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास का निर्माण/विस्तार (बीएलसी-एन/ बीएलसी-ई)

ईडब्ल्यूएस श्रेणियों से संबंधित पात्र परिवारों को व्यक्तिगत आवास निर्माण/ विस्तार के लिए ₹1.5 लाख प्रति ईडब्ल्यूएस आवास की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है। शहरी स्थानीय निकाय लाभार्थी द्वारा प्रस्तुत सूचना और भवन निर्माण योजना को प्रमाणित करते हैं ताकि भूमि के स्वामित्व और आर्थिक स्थिति एवें पात्रता जैसे अन्य विवरणों का पता लगाया जा सके। राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा केंद्रीय सहायता, राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र / यूएलबी की हिस्सा राशि के साथ, यदि कोई हो, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में जारी की जाती है।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

सुझाव,शिकायत के लिए हमसे संपर्क करे - betulupdate@gmail.com

अन्य खबरें

Leave a Comment