अब Vision IAS आया CCPA के निशाने पर, भ्रामक दावा करने पर ठोका 3 लाख का जुर्माना

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Vision IAS: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने यूपीएससी सीएसई (UPSC CSE) 2020 के परिणाम के संबंध में भ्रामक दावा करने के लिए विज़न आईएएस (Vision IAS) पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए लिया गया था और यह सुनिश्चित किया गया था कि किसी भी सामान या सेवा का कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन के मद्देनजर मुख्य आयुक्त श्रीमती निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता वाली सीसीपीए ने विजन आईएएस के खिलाफ आदेश जारी किया है। विज़न आईएएस ने अपने विज्ञापन में दावा किया था- “विज़न आईएएस के विभिन्न कार्यक्रमों से सीएसई 2020 में शीर्ष 10 चयनों में 10”। सीसीपीए ने पाया कि विज़न आईएएस ने सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरें प्रमुखता से प्रदर्शित की हैं। हालाँकि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 में उक्त सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी विज्ञापन में स्पष्ट नहीं की गई थी।

विज़न आईएएस ने यूपीएससी सीएसई 2020 में एआईआर 1 यानी जीएस फाउंडेशन बैच क्लासरूम स्टूडेंट द्वारा चुने गए कोर्स का उल्लेख किया लेकिन अन्य नौ सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए कोर्स के बारे में जानबूझकर जानकारी छिपाई। इस जानकारी को छिपाने से यह भ्रामक धारणा बनी कि शेष नौ उम्मीदवार भी ‘जीएस फाउंडेशन बैच क्लासरूम स्टूडेंट’ कोर्स में नामांकित थे जो सच नहीं था। शेष 9 उम्मीदवारों में से- 1 ने फाउंडेशन कोर्स लिया, 6 ने प्री और मेन्स स्टेज से संबंधित टेस्ट सीरीज़ ली और 2 ने अभ्यास टेस्ट लिया।

इसके अलावा, सीसीपीए ने विज़न आईएएस द्वारा प्रस्तुत डिजिटल प्रोफाइल और फीस रसीदों की जांच की और पाया कि फाउंडेशन कोर्स सबसे महंगा है जिसकी फीस 1,40,000 रुपए है जबकि अभ्यास वन-टाइम प्रीलिम्स मॉक टेस्ट की फीस केवल 750 रुपए है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार रैंक 1 ने फाउंडेशन कोर्स 2018 (क्लासरूम/ऑफ़लाइन) में दाखिला लिया और रैंक 8 ने संस्थान के ऑनलाइन फाउंडेशन कोर्स 2015 में दाखिला लिया।

सीसीपीए ने पाया कि यूपीएससी सीएसई 2020 के रैंक 2, 3, 5, 7, 8 और रैंक 10 ने जीएस मुख्य परीक्षा सीरीज़ में नामांकन किया। यह मुख्य परीक्षा में लागू होता है यानी प्रीलिम्स परीक्षा पास करने के बाद, जो एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, जिसे लगभग 1% छात्र ही पास कर पाते हैं, जिससे यह सबसे कठिन चरण बन जाता है जिसमें सबसे अधिक प्रतिस्पर्धा होती है। उपर्युक्त छात्रों ने जीएस मुख्य टेस्ट सीरीज़ ली, जो मेन्स परीक्षा के विभिन्न घटकों में से एक है, जिसका अर्थ है कि उपर्युक्त उम्मीदवारों ने बिना किसी विपरीत पक्ष के योगदान के, अपने दम पर प्रीलिम्स और इंटरव्यू चरण पास किए।

इसके अलावा, यूपीएससी सीएसई 2020 में रैंक 4 और रैंक 9 ने अभ्यास टेस्ट में दाखिला लिया, जो प्रीलिम्स परीक्षा के लिए एक मॉक टेस्ट है। रैंक 6 ने जीएस प्रीलिम्स टेस्ट सीरीज़ में दाखिला लिया। इसका मतलब है कि उपर्युक्त उम्मीदवारों ने बिना किसी विपरीत पक्ष के योगदान के अपने दम पर मेन्स और इंटरव्यू के चरणों को पास कर लिया।

प्रत्येक सफल उम्मीदवार द्वारा चुने गए विशिष्ट पाठ्यक्रम के बारे में जानबूझकर छिपाकर, विज़न आईएएस ने ऐसा दिखाया कि उसके द्वारा पेश किए गए सभी पाठ्यक्रमों की सफलता दर उपभोक्ताओं के लिए समान थी, जो सही नहीं था। ये तथ्य संभावित छात्रों के लिए उन पाठ्यक्रमों पर निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण हैं जो उनके लिए उपयुक्त हो सकते हैं और विज्ञापन में इन्हें छिपाया नहीं जाना चाहिए था।

सीसीपीए ने पाया है कि कई कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापनों में एक ही सफल अभ्यर्थी के नाम और फोटो का उपयोग करते हैं जबकि उनके द्वारा चुने गए विशिष्ट पाठ्यक्रम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी को जानबूझकर छिपाया जाता है जिससे यह भ्रम पैदा किया जा सके कि सफल अभ्यर्थी कोचिंग संस्थान के नियमित कक्षा के छात्र थे या विज्ञापन में प्रस्तुत कई पाठ्यक्रमों के छात्र थे।

इसलिए, सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए विशिष्ट पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है जिससे वे पाठ्यक्रम और कोचिंग संस्थान/प्लेटफॉर्म पर निर्णय लेते समय उचित विकल्प बना सकें। इन परिस्थितियों के मद्देनजर, सीसीपीए ने युवा और संवेदनशील उम्मीदवारों/उपभोक्ताओं के हित में ऐसे झूठे या भ्रामक विज्ञापनों से निपटने के लिए जुर्माना लगाना आवश्यक समझा।

सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए कई कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस संबंध में सीसीपीए ने अब तक विभिन्न कोचिंग संस्थानों को भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए 46 नोटिस जारी किए हैं। सीसीपीए ने 23 कोचिंग संस्थानों पर 74 लाख 60 हजार का जुर्माना लगाया है और उन्हें भ्रामक विज्ञापन बंद करने का निर्देश दिया है।

(अंतिम आदेश केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की वेबसाइट https://doca.gov.in/ccpa/orders-advisories.php?page_no=1 पर उपलब्ध है )

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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