New Central And Navoday School : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने नवोदय विद्यालय योजना (केन्द्रीय क्षेत्र की योजना) के अंतर्गत देश के उन जिलों में 28 नवोदय विद्यालय (एनवी) स्थापित करने को मंजूरी दे दी है जहां ये नहीं हैं। इसके साथ ही कैबिनेट ने देश भर में सिविल/रक्षा क्षेत्र के अंतर्गत 85 नए केन्द्रीय विद्यालय (केवी) खोलने और एक मौजूदा केवी, यानि केवी शिवमोगा, कर्नाटक की सभी कक्षाओं में 2 अतिरिक्त खंड जोड़कर विस्तार करने की मंजूरी दी है। इनमें 11 केन्द्रीय विद्यालय मध्यप्रदेश के हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा मध्यप्रदेश के लिये 11 केन्द्रीय विद्यालय की सौगात देने पर आभार व्यक्त किया है।
85 नए केन्द्रीय विद्यालयों की स्थापना तथा निकटवर्ती 01 मौजूदा केन्द्रीय विद्यालय केवी के विस्तार के लिए 2025-26 से आठ वर्षों की अवधि के लिए निधियों की कुल अनुमानित आवश्यकता 5872.08 करोड़ रुपये (लगभग) है। इसमें 2862.71 करोड़ रुपये (लगभग) का पूंजीगत व्यय घटक तथा 3009.37 करोड़ रुपये (लगभग) का परिचालन व्यय शामिल है। आज की तारीख में, 1256 कार्यात्मक केन्द्रीय विद्यालय हैं, जिनमें से 03 विदेश में स्थित हैं -मास्को, काठमांडू और तेहरान – तथा इन केन्द्रीय विद्यालयों में कुल 13.56 लाख (लगभग) छात्र अध्ययन कर रहे हैं।
82560 छात्रों को मिल सकेगा प्रवेश
प्रशासनिक संरचना में लगभग 960 छात्रों की क्षमता वाले एक पूर्ण केन्द्रीय विद्यालय के संचालन के लिए संगठन द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप पदों के सृजन की आवश्यकता होगी। इस प्रकार, 960 x 86 = 82560 छात्र लाभान्वित होंगे। प्रचलित मानदंडों के अनुसार, एक पूर्ण केन्द्रीय विद्यालय 63 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है। तदनुसार, 85 नए केन्द्रीय विद्यालयों की स्वीकृति तथा एक मौजूदा केन्द्रीय विद्यालय के विस्तार, जो 33 नए पदों को जोड़ेगा से कुल 5,388 प्रत्यक्ष स्थायी रोजगार के अवसर सृजित होंगे। सभी केन्द्रीय विद्यालयों में विभिन्न सुविधाओं के संवर्धन से जुड़ी निर्माण और संबद्ध गतिविधियों से कई कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
पीएम श्री स्कूल के रूप में किया गया नामित
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसरण में, लगभग सभी केंद्रीय विद्यालयों को पीएम श्री स्कूल के रूप में नामित किया गया है, जो एनईपी 2020 के कार्यान्वयन को रेखांकित करता है और अन्य के लिए अनुकरणीय स्कूल के रूप में कार्य करता है। केवी अपने गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, अभिवन शिक्षण पद्धति और अद्यतन अवसंरचना के कारण उन स्कूलों में से एक हैं, जिनकी सबसे अधिक मांग है। हर साल केवी के कक्षा 1 में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और सीबीएसई द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षाओं में केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों का प्रदर्शन सभी शैक्षणिक प्रणालियों में लगातार सर्वश्रेष्ठ रहा है।
मध्यप्रदेश को मिले इतने केंद्रीय विद्यालय
मध्यप्रदेश को मिले 11 केन्द्रीय विद्यालयों में अशोक नगर जिला अशोक नगर, नागदा जिला उज्जैन, मैहर जिला सतना, तिरोड़ी जिला बालाघाट, बरघाट जिला सिवनी, निवाड़ी जिला निवाड़ी, खजुराहो जिला छतरपुर, झिनझारी जिला कटनी, सबलगढ़ जिला मुरैना, नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ और सेन्ट्रल अकादमी पुलिस अकादमी कान्हासैया जिला भोपाल हैं।
गुणवत्ता के चलते सबसे अधिक है मांग
केन्द्रीय विद्यालय अपने गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, अभिवन शिक्षण पद्धति और अद्यतन अवसंरचना के कारण उन स्कूलों में से एक है, जिनकी सबसे अधिक मांग है। हर साल केवी के कक्षा 1 में प्रवेश के लिए आवेदन वाले छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और सीबीएसई द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षाओं में केन्द्रीय विद्यालयों के छात्रों का प्रदर्शन सभी शैक्षणिक प्रणालियों में लगातार सर्वश्रेष्ठ रहा है।
नवोदय विद्यालयों से इतने बच्चों को मिलेगा लाभ
इसी तरह 28 नवोदय विद्यालयों की स्थापना के लिए 2024-25 से 2028-29 तक पांच वर्षों की अवधि में कुल 2359.82 करोड़ रुपये की धनराशि की आवश्यकता है। इसमें 1944.19 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय घटक और 415.63 करोड़ रुपये का परिचालन व्यय शामिल है। इस परियोजना को लागू करने के लिए 560 छात्रों की क्षमता वाले एक पूर्ण विकसित नवोदय विद्यालय को चलाने के लिए समिति द्वारा तय मानदंडों के अनुरूप प्रशासनिक ढांचे में पदों के सृजन की आवश्यकता होगी। इस प्रकार 560 x 28 = 15680 छात्र लाभान्वित होंगे।
एक विद्यालय इतने लोगों को देता रोजगार
प्रचलित मानदंडों के अनुसार एक पूर्ण नवोदय विद्यालय 47 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है और तदनुसार स्वीकृत 28 नवोदय विद्यालय 1316 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष स्थायी रोजगार प्रदान करेंगे। स्कूल के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए निर्माण और संबद्ध गतिविधियों से कई कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। अपनी आवासीय प्रकृति के कारण प्रत्येक नवोदय विद्यालय स्थानीय विक्रेताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जैसे भोजन, उपयोग में आने वाली सामग्रियों, फर्नीचर, शिक्षण सामग्री आदि और स्थानीय सेवा प्रदाताओं जैसे नाई, दर्जी, मोची, हाउसकीपिंग और सुरक्षा सेवाओं के लिए जनशक्ति आदि के अवसर पैदा करेगा।
अच्छी गुणवत्ता वाली आधुनिक शिक्षा प्रदान करते
नवोदय विद्यालय पूरी तरह से आवासीय, सह-शिक्षा विद्यालय हैं जो मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से आए प्रतिभाशाली बच्चों को उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना कक्षा VI से XII तक अच्छी गुणवत्ता वाली आधुनिक शिक्षा प्रदान करते हैं। इन विद्यालयों में प्रवेश चयन परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। लगभग 49,640 छात्र हर साल कक्षा VI में नवोदय विद्यालय में प्रवेश लेते हैं।
देश भर में इतने विद्यालय संचालित
अब तक, देश भर में 661 स्वीकृत नवोदय विद्यालय हैं, जिनमें एससी/एसटी आबादी की बड़ी संख्या वाले 20 जिलों में दूसरा नवोदय विद्यालय और 3 विशेष नवोदय विद्यालय शामिल हैं। इनमें से 653 नवोदय विद्यालय चल रहे हैं। इस योजना की खूब सराहना की जा रही है और हर साल नवोदय विद्यालयों में छठी कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। हाल के वर्षों में, नवोदय विद्यालयों में नाम लिखवाने वाली लड़कियों (42 प्रतिशत), साथ ही एससी (24 प्रतिशत), एसटी (20 प्रतिशत) और ओबीसी (39 प्रतिशत) बच्चों की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी के लिए सुलभ है।
किस राज्य में कितने नवोदय विद्यालय मंजूर
क्रम सं. | राज्य का नाम | जिले का नाम जहां नवोदय विद्यालय स्वीकृत किया गया |
1 | अरूणाचल प्रदेश | ऊपरी सुबनसिरी |
2 | क्रदाडी | |
3 | लेपा राडा | |
4 | निचला सियांग | |
5 | लोहित | |
6 | पक्के-केसांग | |
7 | शी-योमी | |
8 | सियांग | |
9 | असम | सोनितपुर |
10 | चराईदेओ | |
11 | होजाई | |
12 | मजूली | |
13 | दक्षिण सलमारा मनाकाचर | |
14 | पश्चिम कार्बिआंगलोंग | |
15 | मणिपुर | थऊबल |
16 | कांगपोकी | |
17 | नोनी | |
18 | कर्नाटक | बेल्लारी |
19 | महाराष्ट्र | ठाणे |
20 | तेलंगाना | जगतियाल |
21 | निजामाबाद | |
22 | कोठागुडेम भद्राद्री | |
23 | मेडचल मलकाजगिरी | |
24 | महबूबनगर | |
25 | संगरेड्डी | |
26 | सूर्यपेट | |
27 | पश्चिम बंगाल | पूर्व बर्धमान |
28 | झारग्राम |