National Highway Projects MP: मध्यप्रदेश में अधोसंरचना विकास की अभूतपूर्व गति के साथ प्रदेश तेजी से नई दिशा में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की डबल इंजन सरकार प्रदेश में सड़कों के व्यापक विस्तार और विकास को नया आयाम दे रही है। बड़े पैमाने पर चल रही सड़क परियोजनाओं का उद्देश्य केवल सड़कें और राजमार्ग बनाना ही नहीं है, बल्कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के जीवन को सरल और समृद्ध बनाना भी है। केन्द्र द्वारा लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क परियोजनाओं से मध्यप्रदेश में स्थायी अधोसंरचना का विकास होगा।
मध्य प्रदेश को इस साल 10 हजार 405 करोड़ रुपये की लागत की 24 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की ऐतिहासिक सौगात मिली है। इन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भोपाल और जबलपुर में आयोजित कार्यक्रमों में किया गया। भोपाल में 8,038 करोड़ रुपये की लागत से 498 किलोमीटर लंबाई की 15 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और जबलपुर में 2,367 करोड़ रुपये की लागत से 226 किलोमीटर लंबाई की 9 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है। इन परियोजनाओं में एनएच-46 का छह लेन विस्तार, एनएच-146बी का चार लेन विस्तार और कई दो लेन सड़क निर्माण कार्य शामिल हैं, जो राज्य के विभिन्न क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।
हर क्षेत्र में बह सकेंगी विकास की गंगा
नव स्वीकृत राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं से न केवल राज्य के महाकौशल क्षेत्र के कृषि व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि कटनी के कोयला उद्योग, बुधनी के कपड़ा और काष्ठ शिल्प उद्योग को भी लाभ मिलेगा। साथ ही, खजुराहो, ओरछा जैसे पर्यटन स्थलों से सम्पर्क आसान होगा और पेंच टाइगर कॉरिडोर तक पहुँच सुगम होगी। मध्य प्रदेश की ये राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएँ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ वाणिज्यिक और नागरिक यातायात को भी सुगम बनाएंगी, जो राज्य के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में भी योगदान देंगी।
6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर
प्रधानमंत्री श्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी दे दी है। 88 किलोमीटर लंबे इस हाई-स्पीड कॉरिडोर को 4,613 करोड़ रुपये की लागत से बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा, जिससे आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा का समय लगभग 50% कम हो जाएगा। यह परियोजना न केवल मौजूदा 4-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग की यातायात क्षमता को दोगुना करेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बीच संपर्क भी बढ़ाएगी, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
एमपी के इन स्थानों से गुजरेगा यह कॉरिडोर
इस हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजना से मध्य प्रदेश को बड़े पैमाने पर लाभ होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में स्वीकृत इस परियोजना से लॉजिस्टिक्स की दक्षता में सुधार होगा, भीड़भाड़ कम होगी और राज्य में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह 6-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे आगरा जिले के देवरी गांव से शुरू होकर ग्वालियर जिले के सुसरा गांव तक जाएगा, जो उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश को जोड़ेगा। परियोजना में एनएच – 44 के मौजूदा आगरा-ग्वालियर खंड पर ओवरले और अन्य सड़क सुधार कार्य भी शामिल हैं। यह कॉरिडोर 50,655 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत से 936 किलोमीटर लंबाई में फैली 8 राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं में भी शामिल है, जो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के परिवहन बुनियादी ढांचे को मजबूत और सक्षम बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
भोपाल-कानपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर
सड़क विकास की दिशा में मध्य प्रदेश को एक और बड़ी सौगात मिली है, जिसमें भोपाल-कानपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर को 4-लेन में अपग्रेड करने के लिए 3589.4 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इस परियोजना में भोपाल से विदिशा, विदिशा से ग्यारसपुर, सतीघाट से चौका और चौका से कैमाहा मार्ग को चौड़ा और मजबूत किया जाएगा। इस परियोजना से यातायात सुगम होगा, यात्रा का समय घटेगा, सड़क सुरक्षा बेहतर होगी। इस अपग्रेडेशन से राज्य के आर्थिक विकास में तेजी आएगी और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
मंडला से नैनपुर 46 किलोमीटर लंबे मार्ग का उन्नयन
मंडला और नैनपुर के बीच 592 करोड़ रुपये की लागत से 46 किलोमीटर लंबे मार्ग के उन्नयन को भी मंजूरी दी गई है। इस परियोजना के पूरा होने से मंडला और नैनपुर के बीच यातायात अधिक सुरक्षित और कुशल हो जाएगा, जिसका सीधा लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा।
बुंदेलखंड विकास पथ को भी मिली केंद्र की मंजूरी
ये परियोजनाएं राज्य में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने अपने संकल्प पत्र के तहत बुंदेलखंड विकास पथ की घोषणा की थी, जो राज्य की राजधानी भोपाल को बुंदेलखंड के सागर और छतरपुर जिलों से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण 4-लेन सड़क परियोजना है। इस परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी भी मिल गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) पहले से ही इस मार्ग को 4-लेन में विस्तारित करने पर काम कर रहा था। अब इसे भोपाल से सागर होते हुए छतरपुर और उत्तर प्रदेश की सीमा तक 4-लेन में अपग्रेड किया जाएगा। यह परियोजना बुंदेलखंड के क्षेत्रों में व्यापार और संपर्क को मजबूत करेगी और मध्य प्रदेश के विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगी।
1,228 किमी लंबी सड़कों का किया जाएगा विकास
मध्य प्रदेश को 20 हजार करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजनाओं की मंजूरी के रूप में एक महत्वपूर्ण उपहार मिला है, जो राज्य के बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने भोपाल में इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की, जिसमें राज्य में यातायात में सुधार और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से 27 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं के तहत 1,228 किलोमीटर लंबी सड़कों का विकास किया जाएगा, जिनमें से 612 किलोमीटर का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और 616 किलोमीटर का निर्माण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।