India forest status report 2023 : ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट- 2023’ के अनुसार, मध्यप्रदेश ने एक बार फिर देश में सर्वाधिक वन और वृक्ष आवरण वाले राज्य का स्थान बरकरार रखा है। राज्य का कुल वन और वृक्ष आवरण 85,724 वर्ग किलोमीटर है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके साथ ही वनावरण क्षेत्र 77,073 वर्ग किलोमीटर के साथ मध्यप्रदेश अग्रणी है। अन्य सभी राज्यों की स्थिति भी इस रिपोर्ट में साफ की गई है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट- 2023’ (ISFR 2023) का विमोचन किया। यह रिपोर्ट भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) द्वारा जारी की जाती है, जो उपग्रह आंकड़ों और फील्ड इन्वेंट्री के माध्यम से देश के वन और वृक्ष संसाधनों का व्यापक आंकलन करती है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का कुल वन और वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के 25.17% भौगोलिक क्षेत्र को कवर करता है। इसमें वनावरण का क्षेत्रफल 7,15,343 वर्ग किलोमीटर (21.76%) और वृक्ष आवरण का क्षेत्रफल 1,12,014 वर्ग किलोमीटर (3.41%) है। वर्ष- 2021 की तुलना में वन और वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें वनावरण में 156 वर्ग किलोमीटर और वृक्ष आवरण में 1,289 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि शामिल है।
क्षेत्रफल के आधार पर सर्वाधिक वन और वृक्ष आवरण वाले राज्यों में मध्यप्रदेश (85,724 वर्ग किलोमीटर), अरुणाचल प्रदेश (67,083 वर्ग किलोमीटर) और महाराष्ट्र (65,383 वर्ग किलोमीटर) शामिल हैं। वनावरण के संदर्भ में भी मध्यप्रदेश (77,073 वर्ग किलोमीटर), अरुणाचल प्रदेश (65,882 वर्ग किलोमीटर) और छत्तीसगढ़ (55,812 वर्ग किलोमीटर) शीर्ष पर हैं।
वनों में 7,285.5 मिलियन टन कार्बन स्टॉक
रिपोर्ट के अनुसार भारत का कुल कच्छ वनस्पति आवरण 4,992 वर्ग किलोमीटर है। वहीं, बांस धारित क्षेत्र 1,54,670 वर्ग किलोमीटर तक विस्तारित हुआ है, जिसमें पिछले आंकलन की तुलना में 5,227 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। बाहय वन वृक्षों से औद्योगिक काष्ठ का वार्षिक संभावित उत्पादन 91.51 मिलियन घन मीटर आंका गया है। कार्बन स्टॉक के संदर्भ में, भारत के वनों में कुल 7,285.5 मिलियन टन कार्बन स्टॉक का आकलन किया गया है, जो पिछले आंकलन की तुलना में 81.5 मिलियन टन की वृद्धि दर्शाता है। इसके अलावा, भारत का कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO₂ समतुल्य तक पहुंच चुका है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत वन स्थिति रिपोर्ट के अन्य प्रमुख तथ्य
- वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष चार राज्य हैं- छत्तीसगढ़ (684) वर्ग कि.मी.), उत्तर प्रदेश (559 वर्ग कि.मी.), ओडिशा (559 वर्ग कि.मी.) तथा राजस्थान (394 वर्ग कि.मी.) हैं। वनावरण में अधिकतम वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष तीन राज्य हैं- मिजोरम (242 वर्ग कि.मी.), गुजरात (180 वर्ग कि.मी.) और ओडिशा (152 वर्ग कि.मी.) हैं।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे अधिक वन एवं वृक्ष आवरण वाले शीर्ष तीन राज्य हैं- मध्य प्रदेश (85,724 वर्ग कि.मी.), अरुणाचल प्रदेश (67,083 वर्ग कि.मी.) और महाराष्ट्र (65,383 वर्ग कि.मी.) है। क्षेत्रफल की दृष्टि से सर्वाधिक वनावरण वाले शीर्ष तीन राज्य हैं- मध्य प्रदेश (77,073 वर्ग कि.मी.), अरुणाचल प्रदेश (65,882 वर्ग कि.मी.) और छत्तीसगढ़ (55,812 वर्ग कि.मी.) हैं।
- कुल भौगोलिक क्षेत्रफल की तुलना में वन आवरण के प्रतिशत की दृष्टि से, लक्षद्वीप (91.33 प्रतिशत) में सबसे अधिक वन आवरण है, जिसके बाद मिजोरम (85.34 प्रतिशत) और अंडमान एवं निकोबार द्वीप (81.62 प्रतिशत) का स्थान है। वर्तमान आकलन से यह भी जात होता है कि 19 राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों में 33 प्रतिशत से अधिक भौगोलिक क्षेत्र वनावरण के अंतर्गत हैं। इनमें से आठ राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों, जैसे मिजोरम, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर में 75 प्रतिशत से अधिक वनावरण है। कुल कच्छ वनस्पति आवरण 4,992 वर्ग कि.मी. है।
- भारत के वन और वाह्य वन वृक्षों की कुल निधि 6430 मिलियन घन मीटर अनुमानित की गई है, जिसमें से 4479 मिलियन घन मीटर वनों के भीतर और 1951 मिलियन घन मीटर वन क्षेत्र के बाहर है। पिछले आकलन की तुलना में कुल निधि में 262 मिलियन घन मीटर की वृद्धि हुई है, जिसमें 91 मिलियन घन मीटर वनों के भीतर और 171 मिलियन घन मीटर वन क्षेत्र के बाहर की वृद्धि शामिल है। देश में बांस धारित क्षेत्र का विस्तार 1,54,670 वर्ग किलोमीटर अनुमानित किया गया है। वर्ष 2021 में किए गए पिछले आकलन की तुलना में बांस क्षेत्र में 5,227 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।