Historical Railway Stations of India: नागपुर रेलवे स्टेशन, भारतीय रेलवे का एक प्रमुख केंद्र और धरोहर का प्रतीक है जो अपनी सेवा के 100 गौरवशाली वर्ष पूरे कर चुका है। इसे 15 जनवरी 1925 को तत्कालीन सेंट्रल प्रोविंस के गवर्नर सर फ्रैंक स्लाई द्वारा उद्घाटित किया गया था। तब से यह स्टेशन भारत के रेलवे नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है, जो ऐतिहासिक महत्व और आधुनिकता का संगम प्रस्तुत करता है।
हावड़ा-मुंबई और दिल्ली-चेन्नई गलियारों के संगम पर स्थित, नागपुर रेलवे स्टेशन देश के परिवहन मानचित्र पर एक प्रमुख जंक्शन है। इसका प्रसिद्ध डायमंड क्रॉसिंग इसकी विशेष भूमिका को दर्शाता है, जो देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ता है। सालों से, नागपुर रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त केंद्रों में से एक बन गया है। वर्तमान में, यह स्टेशन प्रतिदिन औसतन 283 ट्रेनों को संभालता है, जिनमें से 96 ट्रेनों की शुरुआत या समाप्ति यहां होती है और 18 ट्रेनों की यात्रा यहीं से शुरू होती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसने 2.36 करोड़ यात्रियों को सेवा दी, जिसमें प्रतिदिन औसतन 64,541 यात्रियों की आवाजाही दर्ज की गई। चालू वित्तीय वर्ष में यह संख्या बढ़कर 68,729 हो गई है।

साल 1867 में हुआ था सफर शुरू
नागपुर रेलवे स्टेशन का सफर 1867 में शुरू हुआ, जब रेलवे पहली बार नागपुर पहुंचा। इसे 1920 में “नागपुर जंक्शन” नाम दिया गया और उसी वर्ष महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन के दौरान यहां कदम रखा। 1925 में उद्घाटित वर्तमान भवन आज भी भारत के परिवहन इतिहास में नागपुर की स्थायी विरासत का प्रतीक है।
488 करोड़ में हो रहा पुनर्विकास
आज, नागपुर रेलवे स्टेशन एक बड़े बदलाव की दहलीज पर है। दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ₹488 करोड़ की पुनर्विकास परियोजना के तहत स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इस परियोजना में रूफ प्लाजा, मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन और पर्यावरण अनुकूल सुविधाएं शामिल हैं, जो यात्रियों के अनुभव और संचालन दक्षता को बढ़ाएंगी।
रेल अवसंरचना का मजबूत स्तंभ
स्टेशन के आधुनिकीकरण प्रयासों में दिसंबर 2022 में प्रतिष्ठित वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत भी शामिल है, जो भारतीय रेलवे नेटवर्क में नागपुर की नवाचार और प्रगति को दर्शाता है। नागपुर रेलवे स्टेशन अपने 100 वर्षों की सेवा का जश्न मना रहा है, यह विकास और भारत की रेल अवसंरचना का एक मजबूत स्तंभ बना रहेगा। अपनी समृद्ध विरासत, बढ़ती यात्री संख्या और उज्जवल भविष्य की दृष्टि के साथ, यह स्टेशन आने वाले कई वर्षों तक सेवा और कनेक्टिविटी का प्रतीक बना रहेगा।