Gwalior-Agra Expressway : माल परिवहन में तेजी और आवाजाही को सुगम बनाने के लिए देश भर में इन दिनों कई एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे का काम तेजी से चल रहा है। इनमें से कई एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे का लाभ एमपी को भी मिलने वाला है। इन्हीं में से एक ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेसवे भी हैं। इसका काम तेजी से चल रहा है। इसके पूरा होने पर एमपी सहित यूपी और राजस्थान की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी।
ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेसवे कुल 88 किलोमीटर लंबा होगा। यह 6 लेन का होगा। इसकी अनुमानित लागत 4613 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस एक्सप्रेस का केवल मध्यप्रदेश को ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों उत्तरप्रदेश और राजस्थान को भी मिलेगा। हालांकि इसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर को उत्तरप्रदेश के आगरा शहर से जोड़ना है।
एमपी-यूपी के यह दोनों गांव जुड़ेंगे
ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेसवे आगरा के इनर रिंग रोड पर स्थित देवरी गांव को ग्वालियर बाईपास पर बने सुसेरा गांव से जोड़ेगा। 6 लेन वाला यह एक्सप्रेसवे भिंड और मुरैना से होकर गुजरेगा। एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवे पर गाड़ियां 100 किमी घंटा तक की रफ्तार से चल सकेंगी। इस परियोजना में 502 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए चंबल नदी पर एक लटकते पुल के निर्माण की मंजूरी भी मिल गई है। इस मार्ग पर 47 पुलिया, चार छोटे पुल और 5 बड़े पुल बनेंगे।
इतने गांवों को मिलेगा इसका लाभ
जानकारी के अनुसार यह एक्सप्रेसवे आगरा के 14 गांवों, धौलपुर के 30 और मुरैना के कई इलाकों से होकर गुजरेगा। ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेसवे के बनने से आगरा और ग्वालियर के बीच का सफर महज 1 घंटे में हो पूरा हो जाएगा। अभी इसे ढाई से तीन घंटे लगते हैं। इटावा में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, लखनऊ में आगरा एक्सप्रेस वे और कोटा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से यह जुड़ जाएगा। एक्सप्रेस वे का पूर्वी छोर इटावा के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से शुरू होगा, जो भिंड, मुरैना, ग्वालियर और शिवपुरी से होते हुए गुजरेगा।
तीन राज्यों की कनेक्टिविटी में सुधार
इस एक्सप्रेसवे के कारण उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। इससे इने राज्यों के बीच सफर तेज, आसान और सुगम हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के कारण बिजनेस, पर्यटन और इंडस्ट्रियल एक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा, जिससे इन राज्यों की अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी। रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा।
चार हजार पेड़ों की होगी कटाई
इस प्रोजेक्ट के कारण विकास तो होगा पर एक पहलू यह भी है कि इसके लिए कुल 4000 पेड़ों को काटा जायेगा। संरक्षित ताज ट्रेपेजियम जोन में लगभग 755 पेड़ों को काटने की मंजूरी मिलनी बाकी है। इसके बदले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 1.24 लाख पेड़ लगाने की बात कही है। इसका लगभग 85% शुरुआती काम पूरा किया जा चुका है। 550 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हो चुका है, जिसके लिए 95% मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है।