Fake liquid urea factory MP: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में नकली डीईएफ यूरिया लिक्विड बनाए जाने के मामले का पुलिस ने भंडाफोड़ करने में पुलिस ने सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस मामले में अवैध फैक्ट्री के संचालक को गिरफ्तार कर फैक्ट्री से नकली डीईएफ यूरिया लिक्विड बनाने की सामग्री जब्त की है। यह भंडाफोड़ बैतूल जिले के मुलताई थाना की पुलिस ने किया।
इस पूरे मामले की जानकारी आज पुलिस कंट्रोल रूम बैतूल में एसपी निश्चल एन. झारिया ने दी। इस मौके पर एसडीओपी मुलताई मयंक तिवारी भी मौजूद थे। एसपी श्री झारिया ने बताया कि 13 जनवरी 2025 को मुंबई निवासी और गल्फ आयल व टाटा मोटर्स कंपनियों के जांच अधिकारी अजय कुमार (35 वर्ष) ने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में गल्फ एड ब्ल्यू नाम से नकली डीईएफ यूरिया लिक्विड की बिक्री की जा रही है। जिससे वाहनों के इंजनों को नुकसान हो रहा है। जांच के दौरान यह जानकारी मिली कि यह कार्य मुलताई के एजाज उर्फ बाबू खान द्वारा संचालित किया जा रहा है।
खेत में बने मकान में चल रही थी फैक्ट्री
पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर मुलताई के पास ग्राम परमंडल में एक खेत में बने मकान पर छापा मारा। मकान में ताला लगा हुआ था, जिसे आरोपी एजाज उर्फ बाबू खान की उपस्थिति में खुलवाया गया। वहां अवैध फैक्ट्री में नकली डीईएफ यूरिया लिक्विड तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे उपकरण और सामग्री जब्त की गई। पुलिस ने यहां से मिक्सर मशीन, आरओ प्लांट, डीएम प्लांट, ब्रांडेड कंपनियों की खाली बाल्टियां और ढक्कन, प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना की यूरिया खाद, विभिन्न कैमिकल्स व एसिड जब्त की। जप्त सामग्री की कीमत 3,00,000 रुपये हैं।
फैक्ट्री संचालक पर किया अपराध दर्ज
इसके अलावा नवाज मोटर्स मुलताई से 700 लीटर यूरिया लिक्विड व 20 लीटर की बाल्टियां जब्त की है। जिनकी कीमत 32,000 रुपये हैं। वहीं मालेगांव रोड मुलताई से 130 बाल्टियां जब्त की गई जिनकी कीमत 1,10,500 रुपये हैं। एजाज उर्फ बाबू खान बिना वैध लाइसेंस के नकली डीईएफ यूरिया लिक्विड बनाकर उसे विभिन्न कंपनियों के नाम से बेच रहा था। आरोपी पर धारा 318(4) बीएनएस, 3/7 ईसी एक्ट व 63 कॉपीराइट एक्ट 1957 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। अब पुलिस द्वारा मुलताई थाना क्षेत्र व आसपास के इलाकों में नकली डीईएफ यूरिया लिक्विड बेचने वालों की पहचान की जा रही है।
यहाँ देखें कैसे बनाया जाता था नकली लिक्विड यूरिया…
दिल्ली में सीखी नकली लिक्विड यूरिया बनाने की तकनीक
पुलिस के मुताबिक आरोपी ने नकली लिक्विड यूरिया बनाने की तकनीक दिल्ली में जाकर सीखी थी। उसके बाद मुलताई लौटकर उसने फैक्ट्री ही खोल ली। एक बाल्टी में 15 लीटर यूरिया में करीब 30 रुपये की लागत आती थी, जिसे बाजार में 1300 रुपये में बेचा जाता था। एक बोरी यूरिया से लगभग 1 हजार लीटर लिक्विड बन जाता है। इसे विभिन्न बड़ी-बड़ी कंपनियों की नकली पैकिंग में बेचा जा रहा था।
क्या होता है लिक्विड यूरिया का उपयोग
गौरतलब है कि लिक्विड यूरिया का इस्तेमाल डीजल इंजन वाले वाहनों में होता है। यह लिक्विड यूरिया, डीजल इंजन में मौजूद नाइट्रोजन ऑक्साइड को कम करने का काम करता है।
पूरी कार्रवाई में इनका रहा मुख्य योगदान
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी मुलताई निरीक्षक राजेश सातनकर, उपनिरीक्षक छत्रपाल धुर्वे, सहायक उपनिरीक्षक एमएल गुप्ता, प्रधान आरक्षक सुशील धुर्वे, गजराज, विशाल, कमलेश भलावी, व चालक सेवाराम की विशेष भूमिका रही।