CIBIL Score: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट स्कोर को लेकर कुछ अहम बदलाव किए हैं, जो 1 फरवरी से लागू हो गए हैं। इन नए नियमों का मकसद है लोन की प्रक्रिया को सरल बनाना और ग्राहकों के हितों की रक्षा करना। अब ग्राहकों को अपने क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट के बारे में ज़्यादा सटीक और नियमित जानकारी मिलेगी, जिससे उन्हें अपने वित्तीय फैसले बेहतर ढंग से लेने में मदद मिलेगी।
हर 15 दिन में अपडेट होगा क्रेडिट स्कोर
अब प्रत्येक ग्राहक का क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा। इससे ग्राहकों को अपनी वित्तीय स्थिति की ताज़ा जानकारी मिलती रहेगी, ताकि वो किसी भी नकारात्मक बदलाव पर तुरंत प्रतिक्रिया दे सकें। इस कदम से वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहक अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए ज़रूरी कदम उठा सकेंगे।
क्रेडिट रिपोर्ट अपडेट की जानकारी
बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए अब ये ज़रूरी हो गया है कि जब वो क्रेडिट रिपोर्ट देखें तो ग्राहकों को इसकी जानकारी दें। ये जानकारी ईमेल या एसएमएस के ज़रिए दी जाएगी, जिससे ग्राहक अपने क्रेडिट स्टेटस के बारे में सतर्क रह सकेंगे।
लोन रिजेक्ट होने के कारण बताए जाएंगे
नए नियम के मुताबिक, अगर किसी ग्राहक का लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट होता है, तो बैंकों को इसकी वजह बतानी होगी। इससे ग्राहक अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए ज़रूरी कदम उठा सकेंगे।
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मुफ़्त क्रेडिट रिपोर्ट की सुविधा
आरबीआई के अनुसार, हर ग्राहक को साल में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ़्त में मिलेगी। इससे ग्राहकों को अपने वित्तीय डेटा की बेहतर समझ होगी और वो अपने क्रेडिट इतिहास को सुधारने के लिए ज़रूरी कदम उठा सकेंगे।
लोन डिफ़ॉल्ट से पहले सूचना
अगर कोई ग्राहक लोन की किस्त चुकाने में असमर्थ रहता है, तो बैंकों को उसे डिफ़ॉल्ट से पहले सूचना देनी होगी। इससे ग्राहकों को समय पर अपनी लोन देनदारियों का निपटान करने में मदद मिलेगी, और उनके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर कम होगा।