Atal Expressway MP: मध्यप्रदेश का चंबल एरिया किसी जमाने में बीहड़ों और डकैतों के लिए जाना जाता था। जल्द ही यहां बनने वाला चंबल एक्सप्रेसवे न केवल चंबल की, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश की शान बनने वाला है। चंबल एक्सप्रेसवे या अटल प्रोग्रेसवे (अटल प्रगति पथ) से चंबल क्षेत्र के साथ ही मध्यप्रदेश के विकास को भी रफ्तार मिलेगी। यह तीन राज्यों की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के साथ ही देश भर में पहुंच को आसान करेगा।
चंबल एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 23700 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। पहले इस पर 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था। चंबल एक्सप्रेसवे को वर्ष 2017 में मध्यप्रदेश सरकार ने प्रस्तावित किया था। सितंबर 2020 में इस मेगा प्रोजेक्ट का भूमिपूजन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रखी थी। इसके बाद भारत सरकार ने अगस्त 2021 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी और यह प्रोजेक्ट भारतमाला परियोजना के पहले चरण में शामिल कर लिया गया।
कितनी लंबाई और कहां से कहां तक बनेगा
चंबल एक्सप्रेसवे या अटल प्रोग्रेसवे की कुल लंबाई 404 किलोमीटर है। यह राजस्थान के कोटा जिले के पास स्थित सीमल्या गांव में नेशनल हाईवे-27 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के ननावा गांव से जोड़ेगा। यहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इसके बाद भिंड, मुरैना, ग्वालियर और शिवपुरी से होते हुए चंबल नदी के समानांतर चलेगा।
चंबल एक्सप्रेसवे की यह होगी खासियत
चंबल एक्सप्रेसवे या अटल प्रोग्रेसवे फोर लेन एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा। इसे भविष्य में 6 लेन किया जाएगा। इसकी मध्यप्रदेश में चौड़ाई 100 मीटर और राजस्थान और उत्तरप्रदेश में 60 मीटर होगी। इस एक्सप्रे्रसवे के निर्माण के बाद अभी जो यात्रा 10 से 11 घंटों में होती है, वह समय मात्र 6 से 7 घंटे ही रह जाएगा। इसके अलावा दूरी में भी कमी आएगी। अभी दूरी 490 किलोमीटर है। यह घटकर 404 किलोमीटर रह जाएगी।
दो बड़े एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ेगा
चंबल एक्सप्रेसवे देश के 2 बड़े एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ेगा। इससे यसूपी से लेकर मुंबई और दिल्ली तक की यात्रा सुगम हो जाएगी। आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे से इसे जोड़ने के लिए ग्वालियर के पास एक इंटरचेंज बनाया जाएगा। वहीं दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए कोटा के पास इंटरचेंज का निर्माण किया जाएगा।
इन स्थानों तक हो सकेगी सीधी पहुंच
चंबल एक्सप्रेसवे कोटा से इटावा तक सीधा मार्ग तो मुहैया कराएगा ही, इसके साथ ही और भी कई स्थान इससे जुड़ जाएंगे। यह पूर्वी और पूर्वोत्तर से लेकर पश्चिमी भारत तक सीधी पहुंच भी बनाएगा। इससे माल को कोलकाता से मुंबई तक सीधे पहुंचाया जा सकता है। इससे वाराणासी-कोलकाता एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तक पहुंच आसान हो सकेगी। राजस्थान और उत्तरप्रदेश से तो एमपी की सीधी कनेक्टिविटी बढ़ेगी ही।
एमपी में पर्यटन को मिल सकेगा बढ़ावा
इस एक्सप्रेसवे के कारण मध्यप्रदेश के उत्तरी भाग में पर्यटन गतिविधियों में खासा इजाफा हो सकेगा। इस क्षेत्र में ग्वालियर जैसा पर्यटन स्थल, रणथंभौर नेशनल पार्क, कूनो नेशनल पार्क आदि स्थित है। चंबल में कई पर्यटक स्थल है। पर्यटन गतिविधियां बढ़ने से इस पूरे क्षेत्र के विकास को पंख लग सकेंगे।