New Coal Mines MP: मध्यप्रदेश में धरती के नीचे कई खनिजों का प्रचुर मात्रा में भंडार मौजूद है। यहां कई जिलों में कोयला भी बड़ी मात्रा में पाया जाता है। कुछ स्थानों पर जहां सालों तक कोयला खदानें बंद की जा चुकी है वहीं नए भंडार मिलने पर नई खदानें भी शुरू की जाती है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश में कोयले का एक और बड़ा भंडार मध्यप्रदेश में मिला है।
यह भंडार मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में मिला है। यहां पर पहले से भी कई खदानें संचालित हैं। अब यहां पर मोहन कॉलरी, मोआरी और भारत ओपन कास्ट खदानों को शुरू करने की मंजूरी केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से प्राप्त हो चुकी है। बताया जाता है कि यहां 22 लाख टन से ज्यादा कोयले का भंडार है। इन खदानों से जल्द ही कोयला खनन शुरू किया जाएगा।
किस खदान की क्या है स्थिति
इन नई खदानों में से मोहन कॉलरी खदान के एक हिस्से में पहले से कोयला चालू है। यह भूमिगत (अंडरग्राउंड) अब इसके दूसरे हिस्से में भी खनन की अनुमति मिल गई है। वहीं मोआरी और भारत ओपन कास्ट नई खदानें हैं। इनमें से मोआरी जहां भूमिगत खदान है वहीं भारत ओपन कास्ट ओपन खदान है। कहा जा रहा है कि मोआरी खदान में 17 लाख टन और भारत ओपन कास्ट में 5 लाख टन कोयले का भंडार है।
लंबे समय से हो रहे थे प्रयास
यह सभी कोयला खदानें परासिया के कन्हान क्षेत्र में स्थित हैं। कोयला श्रमिक संगठन लंबे समय से इन खदानों को शुरू करने की मांग कर रहे थे। संगठन भी अपने स्तर पर प्रयास कर रहे थे। भारतीय कोयला मजदूर खदान संघ के नागपुर में हुए अधिवेशन में भी यह मुद्दा जोर-शोर से उठा था। वहीं जनप्रतिनिधियों से भी संगठन लगातार यह मांग कर रहे थे।
क्षेत्रीय सांसद विवेक बंटी साहू ने 5 मार्च को केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर छिंदवाड़ा में खदानों को फिर से चालू करवाने और नई खदानों को मंजूरी देने का आग्रह किया था। इसके बाद इन खदानों को चालू करने की प्रक्रिया को गति मिली।
क्षेत्र के साथ ही प्रदेश का विकास
छिंदवाड़ा जिले में इन खदानों के शुरू होने से क्षेत्र के विकास को गति मिल सकेगी। इससे एक ओर जहां औद्योगिक गतिविधियों में बढ़ावा होगा वहीं दूसरी ओर युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा। इससे प्रदेश की विकास की गति को भी पंख लग सकेंगे।