MP Heavy Rain Alert: मध्यप्रदेश में एक बार फिर मौसम का रुख बदलने वाला है। बुधवार को जहां ज्यादातर इलाकों में बारिश थम गई थी, वहीं गुरुवार से प्रदेश के कई हिस्सों में तेज पानी गिरने की संभावना है। मौसम विभाग ने 10 जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी दी है। इन जिलों में अगले 24 घंटे के भीतर साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार गुरुवार को प्रदेश के खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में तेज वर्षा होने की संभावना है। अगले चार दिनों तक कई जिलों में भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है। वहीं राजधानी भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहरों में रुक-रुककर बूंदाबांदी या हल्की बारिश की स्थिति बने रहने की संभावना जताई गई है।
बुधवार को कैसा रहा मौसम
बीते बुधवार को प्रदेश के लगभग दर्जनभर जिलों में बारिश देखने को मिली। कहीं हल्की बूंदाबांदी हुई तो कहीं जमकर पानी बरसा। इंदौर, उज्जैन और श्योपुर में आधा इंच तक पानी दर्ज किया गया। सागर, शाजापुर, मंदसौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, धार, बालाघाट, खरगोन और रतलाम में भी हल्की बारिश हुई। भोपाल में दिनभर तेज धूप रही, जिससे उमस ने लोगों को परेशान किया। हालांकि शाम होते-होते बादल छा गए और कुछ इलाकों में फुहारें पड़ीं।
यह सिस्टम करवा रहे प्रदेश में वर्षा
मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार बुधवार को एक सक्रिय मानसून ट्रफ प्रदेश के बीचोंबीच से गुजरी। इसके साथ ही एक अन्य ट्रफ लाइन भी सक्रिय रही, जिसके असर से कुछ इलाकों में बारिश दर्ज की गई।
इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में एक लो-प्रेशर एरिया सक्रिय हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका प्रभाव अगले कुछ दिनों में स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा और इससे प्रदेश के कई जिलों में जोरदार बारिश हो सकती है।
इन जिलों पर मेहरबान मानसून
इस बार बारिश के मामले में प्रदेश के कुछ जिले आगे हैं तो कुछ बेहद पीछे। गुना में अब तक 53.8 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। मंडला भी 53.1 इंच पानी के साथ शीर्ष जिलों में शामिल है। अशोकनगर में 50.5 इंच, शिवपुरी में 49.9 इंच और रायसेन में 49.6 इंच पानी बरस चुका है। स्पष्ट है कि इन जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हो चुकी है।
इन जिलों में अभी भी दरकार
इंदौर संभाग के जिलों में इस बार बारिश ने खासा निराश किया है। इंदौर में अब तक केवल 16.5 इंच बारिश दर्ज हुई है। बुरहानपुर में 19 इंच, खरगोन में 19.1 इंच, खंडवा में 19.6 इंच और बड़वानी में 20.1 इंच वर्षा हुई है। जाहिर है कि मालवा-निमाड़ का इलाका इस बार बारिश की दृष्टि से कमजोर स्थिति में है।
पूरे प्रदेश की यह है तस्वीर
16 जून को मानसून ने प्रदेश में दस्तक दी थी, तब से लेकर अब तक 35.9 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। सामान्य स्थिति में अब तक 29.2 इंच पानी गिरना चाहिए था। इसका मतलब है कि प्रदेश को अब तक 6.7 इंच अतिरिक्त वर्षा मिल चुकी है।
मध्यप्रदेश की सामान्य मानसूनी बारिश का औसत 37 इंच है। इस लिहाज से देखें तो राज्य इस साल लगभग 97 प्रतिशत बारिश का कोटा पहले ही पूरा कर चुका है। सिर्फ 1.1 इंच पानी और गिरा तो मानसून का लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
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पिछले साल के मुकाबले यह स्थिति
पिछले साल मध्यप्रदेश में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी। आंकड़ों के मुताबिक, पूरे सीजन में 44 इंच से अधिक वर्षा दर्ज की गई थी। इस साल अब तक की स्थिति भी संतोषजनक है और संभावना जताई जा रही है कि सीजन का औसत इस बार भी पार हो जाएगा।
बारिश से कहीं खुशी, कहीं दिक्कत
लगातार हो रही बारिश से खेती को लाभ हो रहा है। खासकर खरीफ की फसलों- सोयाबीन, मक्का और धान को अच्छी वर्षा से फायदा मिलेगा। हालांकि, जिन इलाकों में ज्यादा बारिश हुई है वहां खेतों में पानी भरने की समस्या भी सामने आ रही है। वहीं, जिन जिलों में कम वर्षा हुई है वहां अभी भी किसानों को सिंचाई पर निर्भर रहना पड़ रहा है। शहरी इलाकों में बारिश के चलते ट्रैफिक जाम, गड्ढों और जलभराव जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं।
सितंबर में भी बारिश संभावित
मौसम विभाग ने साफ किया है कि गुरुवार से शुरू होने वाला यह दौर कम से कम चार दिन तक जारी रह सकता है। यानी रविवार तक प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश का सिलसिला चलता रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार सितंबर तक बारिश की गतिविधियां जारी रह सकती हैं।
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