Narmada Expressway: मध्यप्रदेश में आने वाले दिनों में हाई स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेसवे का जाल बिछने वाला है। इसके लिए एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने एनएचएआई से एमओयू किया है। इन कॉरिडोर्स और एक्सप्रेसवे में सबसे महत्वपूर्ण नर्मदा एक्सप्रेसवे हैं। इसके बनने के बाद प्रदेश की जैसे तकदीर ही बदल जाएगी। यह प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।
नर्मदा एक्सप्रेस वे अलीराजपुर और अनूपपुर जिलों के बीच बनाया जा रहा है। इसकी लंबाई 1200 किलोमीटर है जो कि प्रदेश में सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। इसकी लंबाई यमुना एक्सप्रेसवे से चार गुना ज्यादा है। इसका निर्माण 31000 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है। इस एक्सप्रेसवे से लगभग 30 नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और जिलों की सड़कों जुड़ेंगी। जाहिर है कि इससे यह विकास का भी एक्सप्रेसवे साबित होगा।
इन जिलों से गुजरेगा नर्मदा एक्सप्रेसवे
नर्मदा एक्सप्रेसवे की शुरूआत अनूपपुर जिले के अमरकंटक से होगी और अलीराजपुर तक बनेगा। यह एक्सप्रेसवे अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरगौन, बड़वानी और अलीराजपुर आदि जिलों से गुजरेगा। इससे इन जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
दो राज्यों से भी बेहतर होगी कनेक्टिविटी
इस एक्सप्रेसवे के बनने से न केवल प्रदेश के भीतर बेहतर कनेक्टिविटी होगी बल्कि दो पड़ोसी राज्यों से भी बेहतर कनेक्टिविटी हो जाएगी। यह एक्सप्रेसवे गुजरात और छत्तीसगढ़ को भी जोड़ेगा। यह अनूपपुर जिले को छत्तीसगढ़ और अलीराजपुर को अहमदाबाद से जोड़ेगा।
फोरलेन किए जाएंगे टू-लेन स्टेट हाईवे
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ ही इससे जुड़ने वाले स्टेट हाईवे का भी विकास हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाले स्टेट हाईवे अभी टू-लेन हैं। जल्द ही इन्हें भी फोरलेन किया जाएगा। इससे इस एक्सप्रेसवे तक पहुंच भी आसान हो जाएगी। इसके वर्ष 2026 तक पूरा होने का अनुमान है।
विकास के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा
नर्मदा एक्सप्रेसवे के बनने से एक ओर जहां क्षेत्र में विकास की गंगा बहेगी वहीं दूसरी ओर प्रदेश में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस एक्सप्रेसवे के कारण ओंकारेश्वर, अमरकंटक, भेड़ाघाट और लामेटा घाट जैसे स्थानों पर पहुंच आसान और सुविधाजनक हो सकेगी।