MP Latest News: मध्यप्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने प्रदेश में सड़क और भवन परियोजनाओं के सुचारू संचालन और पारदर्शी निगरानी के लिए इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) के क्रियान्वयन की प्रगति की विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आईपीएमएस के प्रथम चरण को फरवरी 2025 के अंत तक, द्वितीय चरण को मई 2025 तक और तृतीय चरण को जुलाई 2025 तक पूर्ण किया जाए। मंत्री श्री सिंह ने निर्देश दिए कि वर्तमान वित्तीय वर्ष का बजट मार्च 2025 में सचिवालय स्तर पर आईपीएमएस के माध्यम से ही संसाधित किया जाए।
गत वर्ष लोक निर्माण विभाग का कार्य भार संभालने के बाद मंत्री श्री सिंह ने इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम को प्राथमिकता पर लागू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अगस्त 2024 को इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम के लिए क्रियान्वयन एजेंसी का चयन किया गया। एमपीआरडीसी के प्रबंध निदेशक भरत यादव, प्रमुख अभियंता (सड़क एवं पुल) केपीएस राणा, प्रमुख अभियंता (भवन) एसआर बघेल, मुख्य अभियंता एवं नोडल अधिकारी इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) बीपी बोरासी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) क्रियान्वयन टीम के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सारी कार्यवाही अब ऑनलाइन ही होगी
उल्लेखनीय है कि आईपीएमएस एक ऑनलाइन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जिसके माध्यम से निर्माण कार्यों की मांग से लेकर स्वीकृति, टेंडर प्रक्रिया,क्रियान्वयन, गुणवत्ता नियंत्रण और परफॉरमेंस गारंटी पूरी होने तक समस्त कार्यवाही ऑनलाइन होगी। इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग और एमपी रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा सड़कों, पुलों और भवन परियोजनाओं के डिजिटल एवं पारदर्शी प्रबंधन के लिए विकसित किया गया एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जिसकी अनुमानित लागत 17 करोड़ रुपये है। इस प्रणाली मेंपरियोजनाओं की योजना, निविदा प्रक्रिया, निर्माण, निरीक्षण, भुगतान और संपूर्ण मॉनिटरिंग को ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और कार्य की गति में उल्लेखनीय सुधार होगा।
चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा लागू
चरणबद्ध क्रियान्वयन से प्रथम चरण में मांग प्रबंधन, बजटिंग, डीपीआर अपलोडिंग और ऑनलाइन स्वीकृति प्रक्रिया को लागू किया जाएगा, जिससे परियोजनाओं की रियल-टाइम ट्रैकिंग संभव होगी। द्वितीय चरण में ई-टेंडरिंग, अनुबंध प्रबंधन, ठेकेदारों के लिए ऑनलाइन इंटरफेस और माइलस्टोन ट्रैकिंग जैसी सुविधाओं को जोड़ा जाएगा। तृतीय चरण में वित्तीय प्रबंधन, ऑडिट ट्रैकिंग और 5D बिल्डिंग इंफोर्मेशन मॉडलिंग आधारित योजना के साथ-साथ ई-बिलिंग और ऑनलाइन निरीक्षण प्रणाली को पूरी तरह लागू किया जाएगा।
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परियोजनाओं की स्थिति ऑनलाइन होगी
नई प्रणाली से सभी परियोजनाओं की स्थिति ऑनलाइन उपलब्ध होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सकेगा। साथ ही, प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी आएगी, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और ठेकेदारों को समय पर भुगतान मिलेगा। मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि आईपीएमएस के प्रभावी क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा मिलेगी और सड़क एवं भवन परियोजनाओं की गुणवत्ता एवं गति में सुधार होगा।