Indore-Hyderabad Expressway: देश भर में इन दिनों नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का काम तेजी से चल रहा है। इनसे मध्यप्रदेश भी अछूता नहीं है। यहां भी प्रदेश के कई शहरों की कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ ही देश के अन्य बड़े शहरों से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी कई प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इनमें से कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनकी सुविधा मिलना इसी साल से शुरू हो जाएगा।
इन्हीं में से एक है मध्यप्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी इंदौर से देश की हाईटेक सिटी माना जाने वाले शहर और तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद के बीच बन रहा एक्सप्रेसवे। इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेसवे का कार्य 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है। इसकी लंबाई 713 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेसवे के कारण इंदौर और हैदराबाद शहरों की दूरी 150 किलोमीटर कम हो जाएगी। इससे सफर भी तेजी से हो सकेगा। माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे का काम लगभग पूरा होने को हैं और अगले कुछ महीनों में इसे शुरू किया जा सकता है।
नहीं काटना होगा अतिरिक्त फेरा
अभी इंदौर से हैदराबाद जाने के लिए इच्छापुर, मुक्ताईनगर, जलगांव और अकोला होकर जाना पड़ता है। नए एक्सप्रेसवे के बनने से इन शहरों तक जाने की जरुरत नहीं होगी। इसके अलावा बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन और नांदेड़ जैसे शहर इंदौर से सीधे जुड़ सकेंगे। इंदौर से कोटा जहां 3 घंटों में पहुंचा जा सकेगा वहीं इंदौर से ओंकारेश्वर की दूरी मात्र एक घंटे में तय हो सकेगी। इंदौर से हैदराबाद की दूरी होने से आवागमन सस्ता और आसान हो सकेगा। मात्र 10 घंटों में ही इंदौर से हैदराबाद पहुंच सकेंगे। अभी इसमें 18 घंटे लगते हैं।
बुरहानपुर में शहर के भीतर नहीं
इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेसवे बुरहानपुर क्षेत्र से गुजरेगा जरुर, लेकिन शहर के भीतर नहीं जाएगा। यह झिरी से होकर नेपानगर जाने वाले बसाड़ रोड से आगे जाकर जैनाबाद फाटे के पास दर्यापुर रोड से होते हुए शाहपुर की ओर चले जाता है। इससे बड़े वाहन शहर के भीतर नहीं जाएंगे और हादसे भी कम होंगे। इस एक्सप्रेसवे के लिए ताप्ती नदी और मोहना नदी पर 2 बड़े ब्रिज बनाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि इस एक्सप्रेसवे की आधारशिला दिसंबर 2020 में रखी गई थी।
लॉजिस्टिक हब बन सकेगा इंदौर
इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेसवे के शुरू होने से इंदौर का कारोबार और बढ़ सकेगा। यह एक्सप्रेसवे इंदौर को लॉजिस्टिक हब बनाने में भी खासी मदद करेगा। इससे जहां उद्योगों को और बढ़ावा मिलेगा वहीं कृषि क्षेत्र के विकास में भी मदद मिलेंगी। किसान जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पाद कम समय में बड़े शहरों तक पहुंचा कर अच्छे दाम प्र्राप्त कर सकेंगे। उद्योग बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ सकेंगे।