Greater Bhopal Project: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को ग्रेटर भोपाल की शक्ल देने के लिए तेजी से पहल हो रही है। ग्रेटर भोपाल में आसपास के जिलों विदिशा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम और राजगढ़ भी शामिल होंगे। इस मेगा प्रोजेक्ट से इन सभी जिलों के विकास को पंख लग जाएंगे और 80 लाख लोगों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।
कुछ समय पहले भोपाल में हुए आंबेडकर ब्रिज के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बारे में घोषणा की थी। उसके बाद से ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। इसकी पहली कड़ी के रूप में इन सभी जिलों के लिए भोपाल से बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिए योजना बनाने का काम लोक निर्माण विभाग ने शुरू कर दिया है। जल्द ही इसका सर्वे का काम पूरा हो जाएगा।
पांच जिलों का कलस्टर बनेगा
ग्रेटर भोपाल की प्लानिंग को जमीन पर उतारने के लिए फिलहाल भोपाल का मास्टर प्लान रोका जा रहा है। अब भोपाल के साथ ही इन सभी 5 जिलों का कलस्टर बनाकर विकास की योजना बनाई जाएगी। इसमें सीहोर-भोपाल से लेकर भोपाल-नरसिंहगढ़, ब्यावरा से राजगढ़, भोपाल से नर्मदापुरम, भोपाल से विदिशा और भोपाल से रायसेन तक की प्लानिंग होगी।
कलस्टर प्लानिंग से होंगे यह लाभ
- वर्तमान में भोपाल व सीहोर के अलग-अलग प्लान बनते हैं। सीहोर व भोपाल में बड़ा तालाब व इसका कैचमेंट आता है। अलग-अलग होने से बड़े तालाब के संरक्षण पर आधा-अधूरा काम ही हो पाता है। अब यह स्थिति नहीं बनेगी।
- मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र भोपाल के पास है, लेकिन यह रायसेन जिले में है। इससे भोपाल से इसे लेकर कोई प्लानिंग नहीं हो पाती। यही नहीं यह क्षेत्र भोपाल के साथ वैश्विक नक्शे में भी नहीं आता। ग्रेटर भोपाल में अब भोपाल के साथ ही मंडीदीप के लिए भी प्लानिंग हो सकेगी।
- भोपाल से सटी होने के बावजूद वैश्विक धरोहरों सांची, भीमबेटिका और अन्य पर भोपाल से काम नहीं हो पाता था।
- भोपाल में मेट्रो का नेटवर्क अभी मंडीदीप तक रखा जा रहा है। आगामी दिनों में बड़े बजट से भोपाल के 100 किलोमीटर के दायरे के बाहर भी मेट्रो की आवाजाही आसान हो सकेगी।
लोगों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
अभी भोपाल के लिए केवल 30 लाख लोगों के लिए प्लानिंग बनती है। ग्रेटर भोपाल में 80 लाख लोगों के लिए प्लानिंग बनेगी। इससे प्लानिंग का स्तर और इस पर काम पूरा करने की गति भी बढ़ेगी। महानगरीय स्वरूप में इसका उल्लेख हो सकेगा। पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेहतर होगा तो भोपाल शहर से आबादी का दबाव भी घटेगा। इन सभी जिलों के लोगों को बेहतर सुविधाएं भी मिल सकेगी।