MP Employee News: मध्यप्रदेश में कार्य में लापरवाही बरतने और अनियमितता करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करने का सिलसिला इन दिनों जारी है। पहले एक पुलिस इंस्पेक्टर और फिर एक लिपिक का डिमोशन यहां किया जा चुका है। अब एक नायब तहसीलदार का डिमोशन कर उन्हें पटवारी बनाए जाने का मामला सामने आया है। इससे सरकारी महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
इन कारणों से गिरी नायब तहसीलदार पर गाज
डिमोशन की यह ताजा कार्यवाही प्रदेश के आगर मालवा जिले में की गई है। यहां के आगर में पदस्थ नायब तहसीलदार अरूण चंदवंशी को डिमोट कर पटवारी के पद पर पदस्थ किया गया है। नायब तहसीलदार चंदवंशी पर अपनी शक्तियों के दुरूपयोग और नियमों के खिलाफ कार्य करने के आरोप लगे थे। आरोप था कि ग्राम झोंटा बीजानगरी में पदस्थापना के दौरान उन्होंने नियमों के विरूद्ध कार्य किया और फर्जी आदेश जारी किए। यही नहीं गरीबी रेखा के राशन कार्ड में भी गड़बड़ी की शिकायतें मिली थी।
जांच में शिकायतें सही पाई जाने पर एक्शन
इन शिकायतों के मिलने पर राज्य शासन ने इन मामलों की जांच कराई। जांच में शिकायतें सही पाए जाने पर शासन द्वारा उन्हें डिमोट किए जाने की कार्यवाही की गई। इसके बाद कलेक्टर द्वारा नायब तहसीलदार को डिमोट कर पटवारी पद पर पदस्थ किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही उनका उज्जैन तबादला कर दिया है। अब वे उज्जैन जिले में बतौर पटवारी सेवाएं देंगे।
पहले इन पर हो चुकी डिमोशन की कार्यवाही
इससे पहले हाल ही में रिश्वत के एक मामले में इंदौर के विजय नगर थाने में जून 2023 में पदस्थ इंस्पेक्टर रविंद्र सिंह गुर्जर को पुलिस कमिश्रर ने 3 साल के लिए सब इंस्पेक्टर के रूप में डिमोट किया था। इसके अलावा बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 सुभाष काकड़े को भृत्य के पद पर डिमोट किया था। उन्हें आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर भर्ती के लिए राशि मांगे जाने के लिए दोषी पाया गया था।