EPFO Claim Settlement Process: अब चुटकियों में मिलती है ईपीएफओ से राशि, नहीं काटने पड़ते चक्कर, बेहद आसान हुई प्रक्रिया

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EPFO Claim Settlement Process: वह दिन गए जब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से अपनी ही राशि निकालना या फिर अपने रिकॉर्ड में कोई बदलाव करवाना टेडी खीर थी। छोटे-छोटे कामों के लिए जहां दफ्तरों के कई चक्कर काटने पड़ते थे वहीं लंबे समय तक इंतजार भी करना होता था। कर्मचारियों के हर कार्य आसानी से और घर बैठे ऑनलाइन हो सके, इसके लिए ईपीएफओ ने कई कदम उठाए हैं।

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ईपीएफओ ने ऑटो मोड प्रोसेसिंग से अग्रिम दावों की राशि सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, बीमारी/अस्पताल में भर्ती होने के अग्रिमों के अलावा, आवास, शिक्षा और विवाह के लिए अग्रिमों को भी ऑटो मोड प्रोसेसिंग से निकाला जा सकता है। अब, 60 प्रतिशत अग्रिम दावों का प्रसंस्करण ऑटो मोड में किया जाता है।

तीन दिन में होता है दावों का निपटान

ऑटो-मोड दावों का निपटान तीन दिनों के भीतर किया जाता है। ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 06.03.2025 तक 2.16 करोड़ ऑटो-दावों के निपटान का ऐतिहासिक उच्च स्तर हासिल किया, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 89.52 लाख से अधिक है।

विवरण सुधार प्रक्रिया बनाई सरल

सदस्य विवरण सुधार प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, और आधार-सत्यापित यूएएन वाले सदस्य बिना किसी ईपीएफओ हस्तक्षेप के, स्वयं अपने आईडी से सुधार कर सकते हैं। वर्तमान में, लगभग 96 प्रतिशत सुधार बिना किसी ईपीएफ कार्यालय के हस्तक्षेप के किए जा रहे हैं।

फील्ड ऑफिस जाने की जरुरत नहीं

अब 99.31 प्रतिशत से अधिक दावे ऑनलाइन मोड में प्राप्त होते हैं, फील्ड ऑफिस जाने की कोई आवश्यकता नहीं होती। वित्त वर्ष 2024-25 में 06.03.2025 तक 7.14 करोड़ दावे ऑनलाइन मोड में दर्ज किए जा चुके हैं।

नियोक्ता से सत्यापन की अनिवार्यता नहीं

ट्रांसफर क्लेम सबमिशन अनुरोधों में, आधार-सत्यापित यूएएन के नियोक्ता द्वारा सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। अब केवल 10 प्रतिशत ट्रांसफर दावों में सदस्य और नियोक्ता के सत्यापन की आवश्यकता होती है। निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाले केवाईसी-अनुपालन वाले यूएएन के लिए दावा फार्म के साथ चेक-लीफ प्रस्तुत करने की आवश्यकता में भी छूट दी गई है।

डी-लिकिंग की सुविधा भी मिली

ईपीएफओ ने उन सदस्यों को डी-लिंकिंग की सुविधा भी प्रदान की है, जिनके ईपीएफ खाते प्रतिष्ठानों द्वारा गलत तरीके से/धोखाधड़ी से लिंक कर दिए गए हैं। 18.01.2025 को इसके लॉन्च होने के बाद से, फरवरी, 2025 के अंत तक 55,000 से अधिक सदस्यों ने अपने खातों को डी-लिंक कर लिया है।

अयोग्य सदस्य नहीं कर सकेंगे दावें

सदस्यों को दावों की पात्रता/स्वीकार्यता के बारे में मार्गदर्शन देने के लिए कुछ अग्रिम सत्यापन विकसित किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सदस्य अयोग्य दावे दायर न करें। केंद्रीयकृत आईटी सक्षम प्रणाली (सीआईटीईएस 2.01) के अंतर्गत सदस्य डेटाबेस के केंद्रीकरण के साथ दावा निपटान प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया जा रहा है।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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