Atithi Shikshak News MP: मध्यप्रदेश में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के लिए बड़ी और राहत भरी खबर है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल बेंच द्वारा 29 जनवरी 2025 को सुनाए गए इस फैसले में लोक शिक्षण संचालनालय को आदेशित किया गया है कि वह 30 दिनों के भीतर सही फैसला लें।
उल्लेखनीय है कि 2 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने एक महापंचायत में घोषणा की थी कि अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के लिए नीति बनाई जाएगी। इसके बाद 10 सितंबर 2024 और 2 अक्टूबर 2024 को अतिथि शिक्षकों ने राजधानी भोपाल में 2 बड़े आंदोलन भी किए। इसके बावजूद सरकार की ओर से कोई समाधान नहीं निकाला गया।
आयुक्त का आदेश बन गया राह का रोड़ा
अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की राह में सबसे बड़ा रोड़ा पूर्व में जारी एक आदेश था। 11 सितंबर 2019 को लोक शिक्षण संचालनालय की तत्कालीन आयुक्त जयश्री कियावत ने एक पत्र जारी किया था। उसमें कहा गया था कि शिक्षक की नियुक्ति के लिए डीएड/बीएड डिगी आवश्यक है। इसके साथ ही पात्रता परीक्षा पास करना भी अनिवार्य है। इन शर्तों के कारण शिक्षकों का सीधा नियमितीकरण संभव नहीं हो सका।
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हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे अतिथि शिक्षक
इधर यह सब होने के बाद भी नियमित किए जाने पर योग्य अतिथि शिक्षकों ने हाईकोर्ट की शरण ली। उनका कहना था कि वे डीएड/बीएड भी हैं और पात्रता परीक्षा भी पास कर चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है। दूसरी ओर हाईकोर्ट के निर्देश पर संचालनालय की आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने 4 सितंबर 2024 को एक और पत्र जारी कर दिया। इस पत्र में 1 दिसंबर 2022 के संशोधित भर्ती नियमों का हवाला दिया। इसमें चयन परीक्षा भी अनिवार्य कर दी गई थी।
पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण वाले भी हो गए बाहर
इस आदेश के बाद वे अतिथि शिक्षक भी नियमितीकरण से बाहर हो गए जो पात्रता परीक्षा पास थे। हालांकि लंबे समय तक सेवाएं दे चुके अतिथि शिक्षकों ने फिर भी हार नहीं मानी। अब 10 अक्टूबर 2024 को वे अतिथि शिक्षक जिनके पास डीएड/बीएड डिग्री थी, पात्रता और चयन परीक्षा भी पास कर चुके थे, उन्होंने संचालनालय को अभ्यावेदन दिया और नियमित करने की मांग की। इसके बाद भी जब विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसी पर यह फैसला आया है।