Tamatar Price Today: मध्यप्रदेश सहित देश के कई हिस्सों से यह खबरें आ रही थी कि टमाटर के लगातार गिर रहे दामों के कारण किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है। यहां तक कि किसानों का टमाटर को मंडी में लाने का खर्च तक नहीं मिल पा रही है। इसके चलते किसान खेतों में ही टमाटर की फसल को तबाह करने को मजबूर हो रहे हैं।
टमाटर उत्पादक किसानों के लिए अब एक अच्छी खबर आई है। केंद्र सरकार के द्वारा उठाए गए इस कदम के चलते अब किसानों को अपनी टमाटर की फसल खेत में ही नष्ट करने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा। सरकार की इस पहल से किसानों को बड़ा सहारा मिल सकेगा और टमाटर के अच्छे दाम भी मिल सकेंगे।
दरअसल, केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में टमाटर की गिरती कीमतों को देखते हुए बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के परिवहन घटक को लागू करने का निर्णय लिया है।
कैसे काम करती है यह योजना
इस योजना के तहत उत्पादक राज्यों से टमाटर, प्याज और आलू की फसल को उन राज्यों तक पहुंचाया जाता है जहां इनका उत्पादन नहीं होता। ऐसे राज्यों को उपभोक्ता राज्य कहा जाता है। उपभोक्ता राज्यों में इनकी कीमत अधिक होती है। जिससे वहां इनके अधिक दाम मिल जाते हैं।
किसानों को महंगा पड़ता है पहुंचाना
यह फसलें चूंकि जल्द खराब होने वाली रहती है। इसलिए खुद किसान जब यह प्रयास करते हैं तो वहां तक पहुंचने से पहले खराब हो जाती है और फिर परिवहन लागत भी अधिक आती है। ऐसे में इस योजना में सरकार उपभोक्ता राज्यों तक फसलों के भंडारण और परिवहन में होने वाली परिचालन लागत का वहन नैफेड और एनसीसीएफ जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा किया जाता है। इससे किसानों का यह खर्च बच जाता है।
मध्यप्रदेश से जल्द शुरू होगा परिवहन
टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एनसीसीएफ के माध्यम से मध्य प्रदेश में टमाटर के लिए एमआईएस के परिवहन घटक के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है। एनसीसीएफ जल्द ही मध्य प्रदेश से परिवहन कार्य शुरू करने की तैयारी कर रहा है।