Schemes for milk producers in MP: मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादकों की अब लॉटरी लगने वाली है। प्रदेश की मोहर सरकार ने इसके लिए न केवल जबरदस्त प्लान बनाया है बल्कि इसे अमल में भी ले आई है। आज मंगलवार को हुई केबिनेट की मीटिंग में इस प्लान को मंजूरी भी दे दी गई है। इसके तहत सरकार 1500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस प्लान से न केवल दूध का उत्पादन प्रदेश में बढ़ेगा बल्कि दुग्ध उत्पादकों की आय भी दोगुनी हो जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत सहकारी प्रणाली और सांची ब्राण्ड को बड़ा बनाने के उद्देश्य से एमपी स्टेट को-ओपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड, संबद्ध दुग्ध संघों और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के मध्य होने वाले सहकार्यता अनुबंध (कोलेबोरेशन एग्रीमेंट) पर सहमति दी गयी। यह निर्णय मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादकों की आय दोगुनी करने एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
हर ग्राम में होंगे दूध कलेक्शन सेंटर
एमपी स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड एवं राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के मध्य कोलेबोरेशन एग्रीमेंट के अनुसार दूध की खरीद सुनिश्चित करने एवं सही कीमत दिलाने में मदद के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में कलेक्शन सेन्टर स्थापित किए जाएंगे। दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि की जायेगी।
पांच सालों में 1500 करोड़ का निवेश
इस तरह अगले 5 सालों में लगभग 1500 करोड़ रूपये का निवेश किया जायेगा। दुग्ध समितियों की संख्या 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार की जायेगी। इस तरह दूग्ध संकलन 10.50 लाख किलोग्राम से बढ़ाकर 20 लाख किलोग्राम किया जायेगा। दुग्ध उत्पादकों की कुल वार्षिक आय 1700 करोड़ रूपये से दोगुना कर 3500 करोड़ रूपये किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। सांची ब्रांड का और व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाकर राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जायेगा।