MP Fog Alert: मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज इन दिनों खासा बिगड़ा हुआ है। एक ओर जहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है वहीं दूसरी ओर घने कोहरे का कहर भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में बरप रहा है। आने वाले 24 घंटों में भी प्रदेश के 30 जिलों में मध्यम से लेकर अति घना कोहरे तक का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं कुछ जिलों में शीतलहर और शीतल दिन की चेतावनी दी गई। इस मौसम में फसलों पर भी असर पड़ सकता है। इसे देखते हुए मौसम विभाग द्वारा किसान भाइयों के लिए एडवायजरी भी जारी की गई है।
मौसम केंद्र भोपाल द्वारा 3 जनवरी 2025 को जारी बुलेटिन में जानकारी दी गई है कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यत: शुष्क रहा। रायसेन में तीव्र शीतल दिन का प्रभाव रहा। न्यूनतम तापमानों में सभी संभागों के जिलों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। वे जबलपुर संभाग के जिलों में सामान्य से कम रहे एवं शेष सभी संभागों के जिलों में सामान्य रहे। प्रदेश के भिंड, मुरैना, ग्वालियर, रीवा, मऊगंज, उत्तरी सतना और उत्तरी छतरपुर जिलों में अति घना कोहरा छाया रहा; श्योपुर कलां, राजगढ़, दतिया, पन्ना, दक्षिण सतना, सीधी और सिंगरौली जिलों में मध्यम से घना कोहरा, निवाड़ी, टीकमगढ़, मैहर, दक्षिणी छतरपुर, उत्तरी शिवपुरी, आगर और नीमच में हल्का से मध्यम कोहरा छाया रहा। प्रदेश में सबसे कम दृश्यता ग्वालियर एयरपोर्ट में 0 मीटर दर्ज की गयी।
इन जिलों के लिए ऑरेंज और यलो अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों में प्रदेश के भिंड और मुरैना जिलों में कुछ स्थानों पर जहां अति घना कोहरा छाएगा वहीं शीतल दिन भी रहेगा। ग्वालियर जिले में कुछ स्थानों पर अति घना कोहरा छाएगा। मऊगंज जिले में घना कोहरा छाएगा वहीं शीतल दिन रहेगा। दतिया, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, पन्ना, छतरपुर जिलों में कुछ स्थानों पर घना कोहरा छाएगा। इन सभी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
इसके अलावा राजगढ़, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, जबलपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर जिलों में हल्का से मध्यम कोहरा छाएगा। वहीं भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर जिलों में हल्का कोहरा छाने की चेतावनी दी गई है। इन जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 72 घंटों तक तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा। इसके बाद तापमान में गिरावट आएगी।
सबसे कम और ज्यादा तापमान यहां
प्रदेश में सबसे कम 4.3 डिग्री सेल्सियस तापमान मंडला व शहडोल के कल्याणपुर में रहा। इसके अलावा छतरपुर के नौगांव में 4.4, पचमढ़ी में 4.6, शाजापुर के गिरवर में 5.5, अशोकनगर के आंवरी और नीमच के मरूखेड़ा में 6.3 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा। इनके अलावा खंडवा में 9, बैतूल में 9.2, बड़वानी में 9.1, इंदौर में 11.2, सिहोर में 6.6, रायसेन में 7.6, छिंदवाड़ा में 8.6, सिवनी में 9.4, जबलपुर में 7.2, शाजापुर में 5.5, उज्जैन में 9.5, नर्मदापुरम में 7.2, राजगढ़ में 6.4, गुना में 9.4, अशोकनगर में 6.3, सागर में 11.4, रतलाम में 9.2, नीमच में 6.3, अशोक नगर में 6.3, दमोह में 9.5, रीवा में 6.4, सतना में 7.8, खजुराहो में 8.2, उमरिया में 6.4, सीधी 8.6, टीकमगढ़ में 7.8, शिवपुरी में 10.3, ग्वालियर में 7.7 और गुना में 9.4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा। सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान बड़वानी के तालुन में 29.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग ने किसानों को दी यह सलाह
- गेहूं एवं सरसो में सिंचाई को स्थगित करें ताकि फसल गिरने से बचे, रोगों को रोकने के लिए अनुशंसित फफूंदनाशकों का छिड़काव करें।
- चने के पौधों को सहारा देने के लिए बांस का उपयोग करें, फफूंद संक्रमण रोकने के लिए सुरक्षात्मक फफूंदनाशकों का छिड़काव करें।
- यदि फसलें परिपक्वता के करीब है, तो जल्दी कटाई करें ताकि नुकसान को कम किया जा सके।
- ओलावृष्टि के बाद नियमित रूप से खेतों का निरीक्षण करें, नुकसान का आकलन करें और समय पर सुधारात्मक उपाय करें।
- ऑर्किड/बागवानी फसलों जैसे संतरा, जामुन, फूल, सब्जियां आदि में हेलनेट का उपयोग करें।
- शीत लहर के दौरान प्रकाश और लगातार सिंचाई प्रदान करें। स्प्रिंकलर सिंचाई से शीत लहर के प्रभाव को कम करने में सहायता मिलेगी।
- शीत लहर के दौरान पौधों के मुख्य तने के पास मिट्टी को काली या चमकीली प्लास्टिक शीट, घास फूस या सरकंडे की घास से ढंके। यह विकिरण अवशोषित कर मिट्टी को ठंडी में भी गर्म बनाए रखता है।
- गेहूं की फसल में काउन रूट स्टेज (20-22 डीएएस) पर पहली सिंचाई करें तथा सरसों और चना में 35 से 40 डीएएस पर खेत में पर्याप्त नमी के लिए सिंचाई करें। पहली सिंचाई के बाद गेहूं की फसल में टॉप ड्रेसिंग के रूप यूरिया के रूप में अनुशंसित नाइट्रोजन उर्वरक की 1/3 मात्रा दें।
- कम तापमान के पूर्वानुमान के कारण रबी की फसलों में पाला पड़ने की संभावना है। इसलिए फसलों को पाले से बचाने के लिए रात में स्प्रिंकलर से हल्की सिंचाई करें, खेत में धुआं पैदा करने के लिए खेत की मेढ़ पर कचरा जलाएं या 15 दिन के अंतराल पर 0.5 ग्राम/लीटर थायोयूरिया या 3.0 ग्राम/लीटर घुलनशील/गीला करने योग्य सल्फर या 0.05 से 0.1 प्रतिशत सल्फ्यूरिक एसिड घोल का छिड़काव करें।