Kheti news today: किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब वे अपनी कृषि उपज (फसल, फल और सब्जियों) को बड़े शहरों तक बिना किसी अतिरिक्त खर्च के ले जाकर बेच सकेंगे। शहरों तक उपज को पहुंचाने में किसानों का जो खर्च होगा, वह सरकार देगी। इसकी आधी राशि जहां केंद्र सरकार देगी वहीं आधी राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी।
इस बात का खुलासा खुद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मध्य प्रदेश से गणतंत्र दिवस के समारोह में आमंत्रित किसानों के साथ अपने नई दिल्ली आवास पर संवाद के दौरान किया। उन्होंने कहा कि हमारी (किसानों की) चीज सस्ती बिकती है, लेकिन दिल्ली में आकर महंगी हो जाती है। खेत से उपभोक्ता के अंतर को कम करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। ट्रांसपोर्ट में आने वाले खर्च को आधा केंद्र और आधा राज्य सरकार दे दें, इस पर विचार हो रहा है। नीतिगत परिवर्तन से खेती को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है।
बीते छह-सात महीनों में उठाए कई कदम
श्री चौहान ने कहा कि हमने पिछले 6-7 महीने में कई चीजें की हैं। हमारी प्राथमिकता खेती व किसानों को और आगे ले जाने की है। किसान अकेले मेहनत नहीं करता बल्कि पूरा परिवार मेहनत करता है। कई बार हम मौसम पर निर्भर रहते हैं। हमारी फसल भी खराब होती है। हमारी कोशिश यही होती है कि खेती को कैसे और आसान बनाएं।
सस्ता तेल रोकने लगाया गया आयात शुल्क
उन्होंने बताया कि हमने पिछले दिनों तय किया कि तुअर, मसूर, उड़द पूरी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी। सोयाबीन के दाम कम होने पर विदेश से सस्ता तेल आता था। हमने 20 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जिससे विदेश से आयात होने वाला तेल महंगा हो सके। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने बताया कि बासमती के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध हमने हटाया और कोशिश जारी है कि कैसे ठीक दाम आगे मिल पायें।
कोशिश यह कि किसानों के खाते में जाए सब्सिडी
श्री चौहान ने कहा कि मैं हर हफ्ते फसल का भाव देखता हूँ, किस फसल का क्या भाव है, कैसे ठीक किया जा सकता है? इसके लिए मैं प्रत्येक सोमवार को समीक्षा करता हूँ। उन्होंने बताया कि किसानों को खाद में सब्सिडी मिलती है, उसमें 2 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यूरिया की प्रत्येक बोरी 265 रुपये में मिलती है लेकिन वो बोरी 2400 रुपए में आती है। इस पर दी जाने वाली सब्सिडी कंपनी के खाते में जाती है। हम कोशिश करेंगे कि विश्वस्त तंत्र बन जाए जिससे सब्सिडी सीधे किसान के खातों में ही डाली जाये।
माना कि इन योजनाओं में हो जाता है खेल
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग 60 हजार करोड़ रुपये की पीएम किसान सम्मान निधि देते हैं 2 लाख करोड़ रुपये और चले जायें तो बैंक बैलेंस और बढ़ जाएगा। ड्रिप, पोलीहाउस, ग्रीन हाउस की सब्सिडी में भी खेल हो जाता है। ऐसी व्यवस्था बनाने की भी कोशिश कर रहे हैं कि सब्सिडी किसान के खाते में मिल जाये और पैसा उसी चीज के लिए दिया जाये जिसके लिए वह आवंटित किया गया है।
नए पीएम आवास के लिए हो रहा है सर्वे
उन्होंने किसानों से कहा कि पीएम आवास के नए मकान का सर्वे भी हो रहा है। आप सभी अपने-अपने गांव में लोगों को जागरूक करें। अपने गाँव में सर्वे ठीक से कराने में मदद करें जिससे $गरीबों के लिए मकान ठीक से बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं विदिशा आया था तो 8 लाख मकान वहां दिये थे। अब जितने भी गरीब हैं वो अपने मोबाइल से ही खुद का सर्वे कर सकते हैं। कई बार दूसरे लोग गड़बड़ी कर देते थे लेकिन अब खुद ही सर्वे कर सकते हैं।