How to protect crops from pests: फसलों को कीटों से बचाना किसानों के लिए बड़ी चुनौती होता है। कई बार खासी मशक्कत करने और पैसा खर्च करने पर भी किसान इसमें सफल नहीं हो पाते हैं। नतीजतन, उनकी फसल बर्बाद हो जाती है। ऐसे में किसानों को राहत देने एक बढ़िया यंत्र आ गया है। यह यंत्र बिना किसी अतिरिक्त खर्च के खुद ही इन कीटों का काम तमा कर देता है और फसल को सुरक्षित रखता है।
इस यंत्र का नाम सोलर लाइट ट्रेप है। किसानों को धान एवं अन्य फसलों में कीट नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में सौर ऊर्जा आधारित यह सोलर लाइट ट्रेप उपलब्ध कराया जा रहा है। बालाघाट जिले के ग्राम कटंगझरी के किसान वीरेन्द्र धान्द्रे एवं अन्य किसान भी सफलतापूर्वक सोलर लाइट ट्रेप का उपयोग कर रहे हैं।
इस तरह काम करता है यह यंत्र
सोलर लाइट ट्रेप खेत में एक स्थान पर रखा जाता है। इस यंत्र में अल्ट्रावायलेट लाइट लगी रहती है। दिन में सूर्य के प्रकाश में पेनल द्वारा ऊर्जा एकत्रित होती है और अंधेरा होने पर सेंसर के कारण यंत्र में लाइट चालू हो जाती है, जो कीटों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ट्रेप में कीटों के आने के बाद कीट नीचे लगी जाली में फँस जाते हैं। इस प्रकार खेत में किसानों को तना छेदक तितली और अन्य कीटों से फसलों को बचाने में मदद मिलती है।
कीटनाशकों के छिड़काव की जरुरत नहीं
इस यंत्र के सहारे किसान बगैर कीटनाशक दवाओं के उपयोग से फसल को बचाने में सफल हो जाते हैं। किसान खेतों में इस यंत्र को बाँस के सहारे खड़ा करते हैं। एक कृषि यंत्र 3 से 5 एकड़ के लिये पर्याप्त होता है। दिन में सोलर पेनल द्वारा बेट्री चार्ज होती है। किसानों को यह यंत्र 2500 से 3500 हजार रूपये तक बाजार में उपलब्ध रहता है। इसके लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 500 रूपये अनुदान राशि उपलब्ध कराई जा रही है।