विनाद पातरिया, घोड़ाडोंगरी (Dhaan Kharidi MP 2024)। सरकार द्वारा किसानों को शोषण से बचाकर उनकी उपज का वाजिब दाम दिलवाने के लिए समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाती है। इसके विपरीत मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में समर्थन मूल्य पर हो रही धान की खरीदी ही किसानों के शोषण का जरिया बन गई है। जिले के घोड़ाडोंगरी में आलम यह है कि समर्थन मूल्य धान खरीदी केंद्र में किसानों से खरीदी के एवज में 500 से 1000 रुपए की रिश्वत ली जा रही है। वहीं रुपए नहीं देने वाले किसानों की धान की खरीदी नहीं की जा रही है।
यह स्थिति देख किसानों ने जिला खाद्य अधिकारी बैतूल से मामले की शिकायत की। जिसके बाद शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे जिला खाद्य अधिकारी केके टेकाम, धान खरीदी केंद्र घोड़ाडोंगरी पहुंचे। जहां किसानों ने हमालों द्वारा खरीदी के नाम पर 500 से 1000 रुपए लिए जाने की शिकायत की। जिस पर जिला खाद्य अधिकारी ने हमालों को किसानों से पैसे नहीं लेने की समझाइश दी तो हम्मालों ने खरीदी करनी बंद कर दी और खरीदी केंद्र के बाहर निकल कर चले गए।
किसानों का आरोप- पैसे नहीं देने पर नहीं करते खरीदी
सालीवाड़ा निवासी किसान विकास मंडल ने बताया कि धान खरीदी केंद्र घोड़ाडोंगरी में हम्मालों द्वारा किसानों से 500 से 1000 की मांग की जाती है। जो किसान पैसे नहीं देता उनकी खरीदी नहीं करते है। इसकी शिकायत जिले के अधिकारियों से की गई। जिसके बाद जिले के अधिकारी खरीदी केंद्र पहुंचे और हम्मालों को समझाइश दी। लेकिन, हम्माल नहीं माने और खरीदी करना बंद कर केंद्र के बाहर निकाल कर चले गए।
हर किसान से 10 किलो धान भी ले रहे हम्माल
किसान विजय भट्टाचार्य ने बताया कि केंद्र पर धान खरीदी के लिए हम्मालों द्वारा पैसा तो मांगा जा रहा है। जो किसान पैसे देते हैं उनकी खरीदी पहले की जा रही है। इसके साथ ही हर किसान से 10 किलो धान अलग से ले रहे हैं।
भाजपा नेता बोले- मांगे जा रहे हैं रुपये
भाजपा नेता दीपक उइके ने बताया कि धान खरीदी केंद्र घोड़ाडोंगरी में हम्मालों द्वारा किसानों से नियम विरुद्ध पैसे की मांग की जा रही है। इस संबंध में किसानों से शिकायत मिली थी, जिस पर जिले के अधिकारी से इसकी शिकायत की गई। जिले के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने जांच की और शिकायत सही पाई गई है।
किसी को पैसे देने की आवश्यकता नहीं : टेकाम
इस संबंध में जिला खाद्य अधिकारी केके टेकाम ने बताया कि शिकायत मिली थी, जिसके बाद धान खरीदी केंद्र घोड़ाडोंगरी पहुंचकर जांच की गई। किसानों से कहा गया है कि किसी को पैसे देने की आवश्यकता नहीं है। हम्माल काम बंद कर गए हैं, उन्हें वापस बुलाया जा रहा है।