भारत में नकली नोटों का चलन एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए कड़े कानून बनाए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति नकली नोटों को बनाता, उपयोग करता, रखता या वितरित करता है, तो उसे कठोर सजा दी जा सकती है। भारतीय दंड संहिता (IPC) के विभिन्न प्रावधानों के तहत इसके लिए दंड का प्रावधान है।
नकली नोटों से जुड़े प्रमुख कानून
- धारा 489A – नकली नोट बनाने या जाली मुद्रा तैयार करने पर आजीवन कारावास या 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
- धारा 489B – नकली नोटों का उपयोग या चलन में लाना अपराध है, जिसके लिए आजीवन कारावास या 10 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
- धारा 489C – यदि कोई व्यक्ति नकली नोटों को जानबूझकर अपने पास रखता है, तो उसे 7 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।
- धारा 489D – नकली नोट छापने के लिए उपकरण या प्लेट रखने पर आजीवन कारावास या 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
- धारा 489E – असली नोटों से मिलते-जुलते विज्ञापन या अन्य सामग्री छापने पर 6 महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
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अन्य कानून और सख्त कार्रवाई
अगर नकली नोटों का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में किया जाता है, तो UAPA और PMLA जैसे आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा, रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत भी जांच की जा सकती है।
अगर आपको नकली नोट मिले तो क्या करें?
अगर आपके पास गलती से नकली नोट आ जाए, तो इसे आगे न दें। नजदीकी बैंक या पुलिस को तुरंत सूचित करें। बैंक नकली नोट जब्त कर लेगा और इसकी जानकारी पुलिस और RBI को देगा। नकली नोट का उपयोग करने पर आप भी अपराध के भागीदार बन सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें।