Weather Update MP : एमपी में अगले 24 घंटों में शीतलहर के साथ कोहरा-पाला का ट्रिपल अटैक, आईएमडी ने दी चेतावनी

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Weather Update MP : मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड के साथ ही पाला और कोहरा का ट्रिपल अटैक जारी है। हाल-फिलहाल इससे राहत मिलने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में फिर प्रदेश के 19 जिलों में शीतलहर चलने के साथ ही पाला पड़ने और कोहरा छाने की चेतावनी दी है।

मौसम केंद्र भोपाल द्वारा मंगलवार को जारी बुलेटिन में जानकारी दी गई है कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के भोपाल, सीहोर, विदिशा, शाजपुर, उमरिया, जबलपुर, मंडला, छतरपुर के नौगांव, पचमढ़ी में शीतलहर का प्रभाव रहा। वहीं शहडोल और सिवनी में तीव्र शीतलहर का प्रभाव रहा। भोपाल, जबलपुर संभागों के जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी कम रहे, नर्मदापुरम, उज्जैन, शहडोल, सागर संभागों के जिलों में सामान्य से कम रहे और शेष सभी संभागों के जिलों में सामान्य रहे। ग्वालियर जिले में हल्का से मध्यम कोहरा छाया रहा तो पचमढ़ी और रायसेन जिले में पाला पड़ा।

इन शहरों में सबसे कम रहा तापमान

प्रदेश में सबसे कम तापमान पचमढ़ी में 1.6 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा कल्याणपुर में 2, उमरिया और मंडला में 3, छतरपुर के नौगांव में 3.8,0 भोपाल में 4, बड़वानी में 8.3, खरगौन में 8, खंडवा में 8.4, बैतूल में 7.7, छिंदवाड़ा में 6.1, सीहोर में 5.4, सिवनी में 8, नरसिंहपुर में 7.6, जबलपुर में 5, रायसेन में 5.5, सागर में 9.5, राजगढ़ में 4.4, शाजापुर में 4.7, रतलाम में 7.8, नीमच में 6.9, उज्जैन में 8, गुना में 8.5, अशोकनगर में 4.4, शिवपुरी में 8.5, ग्वालियर में 5, टीकमगढ़ में 5, खजुराहो में 4.4, सतना में 6.6, रीवा में 6, सीधी में 8, सिंगरौली में 6.1 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा। वहीं सबसे ज्यादा तापमान नर्मदापुरम में 30 डिग्री सेल्सियस रहा।

अगले 24 घंटों में यह रहेगी स्थिति

मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में प्रदेश के विदिशा, सीहोर, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, शहडोल, उमरिया, जबलपुर, सिवनी, मंडला, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में कहीं-कहीं शीतलहर चलेगी। रायसेन और नर्मदापुरम जिलों में कहीं-कहीं शीतलहर चलेगी तो कहीं पाला पड़ेगा। ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना जिलों में कहीं-कहीं हल्के से मध्यम कोहरा छा सकता है।

अगला दौर 25 दिसंबर से शुरू होगा

मौसम विभाग के अनुसार एक-दो दिन बाद शीतलहर और कड़ाके की ठंड से थोड़ी राहत मिलेगी। हालांकि 25 दिसंबर से प्रदेश में एक बार फिर कड़ाके की ठंड का दूसरा दौर शुरू होगा। हवा में ज्यादा ठंडक के कारण यह स्थिति बनेगी। वहीं ठंड का यह दूसरा दौर 31 जनवरी तक चलेगा। इस पूरे सीजन में इस बार 45 दिन कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।

इन कारणों से पड़ रही एमपी में कड़ाके की ठंड

मौसम विभाग के अनुसार जेट स्ट्रीम के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है। यह जेट स्ट्रीम जमीन से 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर चल रही है। यह 240 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही है। इसके अलावा उत्तर के मैदानी इलाकों से ठंडी हवा और पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवाएं जब मध्यप्रदेश आती है तो तेज ठंड पड़ती है।

मौसम विभाग ने जारी की यह एडवायजरी

  • शीत लहर के संपर्क में आने पर शीत से प्रभावित अंगों के लक्षणों जैसे कि संवेदनशून्यता, सफेद अथवा पीले पड़े हाथ एवं पैरों की उंगलियों, कान की तो तथा नाक की ऊपरी सतह का ध्यान रखें।
  • शीत लहर के अत्यधिक प्रभाव से त्वचा पीली, सख्त एवं संवेदनशून्य तथा लाल फफोले पड़ सकते हैं। यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसे गैंगरीन भी कहा जाता है। यह अपरिवर्तनीय होती है। अत: शीत लहर के पहले लक्षण पर ही चिकित्सक की सलाह से तथा तब तक अंगों को गरम करने का प्रयास करें।
  • शीत लहर के प्रभाव से हाइपोथर्मिया हो सकता है। शरीर में गर्मी के हास से कंपकपी, बोलने में दिक्कत, अनिद्रा, मांसपेशियों में अकडन, सांस लेने में दिक्कत निश्वेतन की अवस्था हो सकती है। यह अत्यधिक गंभीर अवस्था है इसमें तत्काल चिकित्सीय सहायता ले।
  • शरीर की गर्माहट बनाये रखने हेतु अपने सर, गर्दन, हाथ और पैर की उँगलियों को अच्छे से ढंके एवं पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे- दस्ताने, टोपी, मफलर, एवं जल रोधी जूते आदि पहनें।
  • शीतलहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहे और कोशिश करें कि अतिआवश्यक हो ती ही बाहर यात्रा करें।
  • इस समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है, जैसे- फ्लू सर्दी खांसी एवं चुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर चिकित्सक से संपर्क करें।
  • पर्याप्त मात्रा में पौषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं करें। नियमित रूप से गर्म पेय पदार्थ का अवश्य सेवन
  • कोहरे में मौजूद कण पदार्थ और विभित्र प्रकार के प्रदूषक के संपर्क में आने पर फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होने, खांसी और सांस की समस्या बढ़ने की संभावना है। अत: नियमित व्यायाम करें व मास्क का प्रयोग करें।

कृषकों के लिए यह विशेष सलाह

  • शीत लहर के दौरान प्रकाश और लगातार सिंचाई प्रदान करे। स्प्रिंकलर सिंचाई से शीत लहर के प्रभाव को कम करने में सहायता मिलेगी।
  • शीत तहर के दौरान पौधों के मुख्य तने के पास मिट्टी को काली या चमकीली प्लास्टिक शीट, घास फूस या सरकंडे की पास से ढंके। यह विकिरण अवशोषित कर मिट्टी को ठंडी में भी गर्म बनायें रखता है कटाई के बाद फसल को 2-3 दिन तक खेत में स्थाना चाहिए और उसके बाद गहाई करनी चाहिए। भंडारण से पहले अनाज को सही नभी स्तर तक ठीक से सुखाया जाना चाहिए। पिछली फसल के सभी
  • अनाज और अन्य भंडारण सामग्री को हटाकर गोदामों की ठीक से साफ किया जाना चाहिए।
  • कोरडी फसलों के लिए सलाह दी जाती है कि सहकारी समितियों से उर्वरकों का अग्रिम उठाव करने के साथ-साथ उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीजों और अन्य आदान की व्यवस्था समय पर करें।

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Uttam Malviya

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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