Weather Update MP: बीते दिनों हुई बारिश, उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी और बारिश तथा पश्चिमी विक्षोभ का असर अब देखने को मिलने लगा है। मध्यप्रदेश में एक बार फिर कड़ाके की ठंड पांव पसार रही है। इसके चलते एक ओर जहां तापमान में तेजी से गिरावट हो रही है वहीं कुछ जिलों में शीतलहर चलने और शीतल दिन की स्थिति बनना भी शुरू हो गई है।
मौसम केंद्र भोपाल द्वारा आज 30 दिसंबर को जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के जबलपुर, सागर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। शाहनगर में 9.2 और छिंदवाड़ा में 0.4 मिलीमीटर बारिश हुई। मरुखेड़ा (नीमच) में शीत लहर का प्रभाव रहा वहीं रतलाम में शीतल दिन रहा। आने वाले दिनों में अन्य कई जिलों में भी यही स्थिति बनेगी। न्यूनतम तापमान भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर संभागों के जिलों में विशेष रूप से गिरे, इंदौर, रीवा, सागर संभागों के जिलों में काफी गिरे एवं शेष सभी संभागों के जिलों के तापमानों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ।
इन जिलों में छाया रहा कोहरा
प्रदेश के दमोह, जबलपुर, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी, बालाघाट, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर, दतिया, पन्ना, कटनी, धार, बड़वानी जिलों में हल्का से मध्यम कोहरा छाया रहा। इधर बैतूल में भी दो दिन मावठा बरसने के बाद सोमवार को घना कोहरा छा गया। अलसुबह से ही समूचा जिला घने कोहरे से ढंक गया था। सुबह लगभग 10 बजे तक घने कोहरे की चादर छाई रही। इसके बाद धीरे-धीरे कोहरा छंटता गया। कोहरे का असर यातायात पर भी देखने को मिला है। कोहरा छाने से हाईवे पर लोगों को वाहनों की लाइट जलाकर वाहन चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। कोहरे के कारण लगभग 50 मीटर दूर का दृश्य भी स्पष्ट नहीं दिखाई दे रहा था।
तापमान की यह रही प्रदेश में स्थिति
उत्तरप्रदेश में बर्फबारी और बारिश होने तथा प्रदेश में मावठा बरसने के बाद अब तापमान में भी तेजी से गिरावट हो रही है। इसके चलते बीती रात न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। यह 3.5 डिग्री सेल्सियस तापमान नीमच के मरूखेड़ा में दर्ज किया गया। इसके अलावा राजगढ़ में 5.4, शिवपुरी के पिपरसमा में 5.5, शाजापुर के गिरवर और गुना में 7.2 तथा शिवपुरी में 7.9 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा। वहीं अधिकतम तापमान में भी कमी आई है। कल सबसे ज्यादा 27 डिग्री सेल्सियस तापमान खरगौन में दर्ज किया गया। वहीं मंडला में 26.5, नरसिंहपुर में 26, देवास के कन्नौद में 25 और बड़वानी के तालुन में 24.8 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा। मौसम विभाग ने तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना जताई है।
इन जिलों में शीतलहर और कोहरा की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार अब फिलहाल आने वाले 5 दिनों तक कहीं बारिश होने की संभावना तो नहीं है, लेकिन कोहरा छाएगा और शीतलहर चलेगी। मौसम विभाग के अनुसार 31 दिसंबर को मंदसौर, नीमच, आगर मालवा और शाजापुर में शीतलहर चलेगी। वहीं इन जिलों के अलावा रतलाम, उज्जैन, गुना, श्योपुर, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, सीधी, सिंगरौली आदि जिलों में कोहरा छाने की संभावना है।
नीचे देखें मौसम विभाग द्वारा जारी वीडियो बुलेटिन…
घंटों देरी से चली गोंडवाना एक्सप्रेस
कोहरे का असर रेल यातायात पर भी देखने को मिला है। दिल्ली से आने वाली ट्रेनें घंटों देरी से चली। जिसके कारण रेल यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक दिल्ली से नागपुर जाने वाली गोंडवाणा एक्सप्रेस 8 घंटे देरी से चली। बैतूल रेलवे स्टेशन पर सुबह 5 ट्रेन के पहुंचने का समय था। ट्रेन दोपहर 1 बजे स्टेशन पहुंची। रिजर्वेशन करवाने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिल्ली से नागपुर की ओर जाने वाली जीटी एक्सप्रेस भी एक घंटा देरी से चली। कोहरे का और भी ट्रेनों पर असर देखने को मिला है।
दलहनी फसलों को नुकसान की संभावना
घना कोहरा छाने से किसान भी बहुत चिंतित है। कोहरे के कारण दलहनी फसलों को नुकसान की संभावना बनी है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि कोहरा छाने से दलहनी फसलों को नुकसान हो सकता है। कोहरे के कारण सबसे ज्यादा मटर, चना, आलू, तुअर, मसूर की फसलें प्रभावित होने की संभावना है। जो फसलें अभी फूल और फल्लियों पर है, उनको भी नुकसान होगा। कोहरे से फसलों पर फफूंद जनति बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। टमाटर की फसल को भी कोहरे से नुकसान हो सकता है। कोहरा कई फसलों के हिसाब से नुकसानदायक साबित हो सकता है।
यह है सिनोष्टिक मौसमी परिस्थितियां
- पश्चिमी विक्षोभ, निम्न एवं मध्य क्षोभमंडलीय पछुआ पवनों के बीच ट्रफ के रूप में माध्य समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊँचाई पर 60 डिग्री पूर्वी देशांतर व 34 डिग्री उत्तरी अक्षांश के उत्तर में अवस्थित है।
- पूर्वोत्तर बिहार एवं निकटवर्ती क्षेत्रों के ऊपर माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है।
- दिनांक 04 जनवरी को अगले पश्चिमी विक्षोभ के द्वारा पश्चिमोत्तर भारत को प्रभावित करने की संभावना है।