Weather Update : मध्यप्रदेश में तापमान में अचानक भारी गिरावट आई है। इसके चलते ठंड का असर बढ़ गया है। वहीं मौसम विभाग ने बुधवार से प्रदेश के कई जिलों में शीतलहर चलने की चेतावनी भी दी है। उत्तर भारत में पहाड़ों पर बर्फबारी होने, बर्फ पिघलने और वहां से बर्फीली हवाओं के मध्यप्रदेश पहुंचने से मौसम में यह बदलाव होगा।
मध्यप्रदेश में एक दिन पहले तक तापमान अधिक था। कल सबसे कम न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस था। इसके विपरीत बीती रात का सबसे कम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि शिवपुरी के पिपरसमा में दर्ज किया गया। इसके अलावा नीमच के मरूखेड़ा में 7.4, राजगढ़ में 7.6, शाजापुर के गिरवर व गुना में 8.6 और सीहोर व पचमढ़ी में 9 डिग्री सेल्सियस रहा। इसी तरह अधिकतम तापमान में भी गिरावट आई है। सबसे ज्यादा तापमान खंडवा में 30.5 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा खरगौन व नर्मदापुरम में 30.4, टीकमगढ़ में 29.7, मंडला में 29.6 और बड़वानी के तालुन में 29.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
इन जिलों में शीतलहर की चेतावनी
मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार अभी तापमान में और गिरावट आएगी और 11 दिसंबर से कई जिलों में शीतलहर भी चलेगी। मौसम विभाग ने 11, 12 और 13 दिसंबर को प्रदेश के धार, गुना और अशोक नगर में शीतलहर चलने की चेतावनी दी है। अन्य जिलों में भी इस दौरान कड़ाके की ठंड पड़ेगी। मौसम विभाग ने लोगों को कड़ाके की ठंड से बचने के लिए आवश्यक उपाय करने की सलाह भी दी है।
इन कारणों से बढ़ेगा ठंड का कहर
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत के ऊपर 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवाएं बह रही हैं। यहां पर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी एक्टिव हो रहा है। इससे उत्तर के क्षेत्रों और पहाड़ों पर मौसम बदलेगा। बर्फ पिघलेंगी और हवा की रफ्तार भी तेज हो जाएगी। यही बर्फीली हवाएं मध्यप्रदेश पहुंचेंगी और यहां कड़ाके की ठंड पड़ेगी।
मौसम विभाग ने दी यह सलाह
मौसम विभाग ने सलाह दी है कि ठंड के दौरान पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनें। इस समय कई बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है। फ्लू, सर्दी, खांसी एवं जुकाम के लक्षण दिखने पर चिकित्सक से संपर्क करें। शीतलहर के दौरान जितना संभव हो, घर के अंदर ही रहें। अति आवश्यक होने पर ही बाहर की यात्रा करें। पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। नियमित रूप से गर्म पेय पदार्थ का सेवन करें। कोहरे में मौजूद कण पदार्थ और विभिन्न प्रकार के प्रदूषक के संपर्क में आने पर फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होने, खांसी, और सांस की समस्या बढ़ने की संभावना है। अत: मास्क का प्रयोग कराएं। वाहन को धीमी या औसत गति पर चलाएं। अगली वाली गाड़ी से पर्याप्त दूरी बनाएं रखें एवं फॉग लैंप का इस्तेमाल करें।